बिलासपुर। बिलासपुर रेलवे स्टेशन, छत्तीसगढ़ राज्य का गौरव और भारतीय रेलवे के दक्षिण-पूर्व-मध्य रेलवे जोन का मुख्यालय, अपने ऐतिहासिक महत्व और आधुनिक विकास के अद्भुत संगम का प्रतीक है। यह स्टेशन न केवल एक यात्री केंद्र है, बल्कि औद्योगिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक विकास का भी गवाह रहा है। 19वीं सदी में स्थापित यह स्टेशन, बंगाल-नागपुर रेलवे के दौरान 1889 में परिचालित हुआ और तब से कोयला परिवहन और क्षेत्रीय व्यापार के लिए महत्वपूर्ण केंद्र बना रहा है।
आज, इस ऐतिहासिक स्टेशन का पुनर्विकास भारत सरकार की “स्टेशन पुनर्विकास योजना” के तहत किया जा रहा है। लगभग 392 करोड़ रुपये की लागत से इस परियोजना का उद्देश्य स्टेशन को विश्वस्तरीय सुविधाओं और पर्यावरण-अनुकूल परिवेश से सुसज्जित करना है।
पुनर्विकास के प्रमुख पहलू
1. अत्याधुनिक यात्री सुविधाएं
- – हाई-स्पीड वाई-फाई, वातानुकूलित प्रतीक्षालय, और आरामदायक बैठने की व्यवस्था।
- – दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष रैंप, लिफ्ट और एस्केलेटर।
- – आधुनिक शौचालय और बेहतर सफाई सुविधाएं।
2. पर्यावरण-अनुकूल संरचना
- – 1200 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्टेशन की छतों पर लगाए जा रहे हैं।
- – जल संरक्षण के लिए 16 पिट्स में 97,000 लीटर क्षमता के रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम।
- – प्राकृतिक रोशनी और वेंटिलेशन के माध्यम से ग्रीन स्टेशन का निर्माण।
3. विस्तृत इंफ्रास्ट्रक्चर
- – 6051 वर्ग मीटर का कंकर्स, जिसमें 1700 वर्ग मीटर का व्यावसायिक क्षेत्र शामिल होगा।
- – 800 यात्रियों के बैठने के लिए प्रतीक्षालय और 28,000 वर्ग मीटर में 1150 से अधिक वाहनों की पार्किंग।
- – तीन नए फुट ओवरब्रिज और यात्री सुविधा के लिए अलग-अलग प्रवेश व निकास मार्ग।
4. सुरक्षा और डिजिटल समाधान
- – सीसीटीवी कैमरों की तैनाती और आधुनिक यात्री सूचना प्रणाली।
- – ऑटोमेटिक टिकटिंग और डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड।
स्थानीय विरासत और सांस्कृतिक पहचान का प्रदर्शन
इस स्टेशन के पुनर्विकास के दौरान स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी महत्व दिया गया है। स्टेशन परिसर में स्थानीय हस्तशिल्प और सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने वाले क्षेत्र बनाए जाएंगे। इसके साथ ही शॉपिंग मॉल और फूड कोर्ट जैसे व्यावसायिक केंद्र यात्रियों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे।
आर्थिक और सामाजिक लाभ
बिलासपुर स्टेशन का पुनर्विकास रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा। परियोजना के दौरान स्थानीय नागरिकों को निर्माण कार्य और इससे संबंधित सेवाओं में काम मिलेगा। यह स्टेशन क्षेत्रीय व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा देगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
“आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” के लिए कदम
यह परियोजना न केवल बिलासपुर की आधुनिक छवि को उभारेगी, बल्कि “आत्मनिर्भर भारत” और “मेक इन इंडिया” अभियानों को भी मजबूती प्रदान करेगी। यह स्टेशन भविष्य में एक मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के रूप में उभरेगा।
बिलासपुर रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास इसकी ऐतिहासिक धरोहर को संजोते हुए इसे आधुनिक तकनीक और पर्यावरण-अनुकूलता के साथ भविष्य के लिए तैयार करेगा। यह परियोजना यात्रियों, स्थानीय नागरिकों, और व्यापारिक समुदाय के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी। बिलासपुर स्टेशन, अपनी नई छवि के साथ, भारत के रेलवे नेटवर्क में एक नई पहचान स्थापित करेगा।
बिलासपुर: अतीत की धरोहर और भविष्य की प्रगति का केंद्र।