बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में 7 वर्षीय मासूम की चाइनीज मांझे के कारण दर्दनाक मौत ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है। चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
यह हृदयविदारक घटना तब हुई जब रायपुर के एक मासूम का गला चाइनीज मांझे से कट गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस गंभीर मामले पर चीफ जस्टिस ने पूछा कि चाइनीज मांझे पर प्रतिबंध के बावजूद यह बाजार में कैसे उपलब्ध है। हाईकोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव से शपथपत्र के माध्यम से इस मुद्दे पर जवाब देने का निर्देश दिया है।
मांझे पर प्रतिबंध का उल्लंघन
राज्य सरकार ने पहले ही चाइनीज मांझे के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा रखा है। इसके बावजूद बाजार में इसकी उपलब्धता प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। कोर्ट ने इस बात पर गहरी नाराजगी जताई है कि सरकार के आदेशों का पालन सुनिश्चित क्यों नहीं हो पा रहा है।
हाईकोर्ट के सख्त निर्देश
हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि चाइनीज मांझे के कारण हो रहे हादसे रोकने के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। कोर्ट ने पूछा कि बाजार में इस प्रतिबंधित उत्पाद की बिक्री पर रोक लगाने के लिए पर्याप्त निगरानी क्यों नहीं की जा रही है।
सरकार और प्रशासन की जिम्मेदारी
इस घटना ने राज्य प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
- सख्त निगरानी की कमी: प्रतिबंध के बावजूद चाइनीज मांझे का खुलेआम बिकना प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है।
- आदेशों का पालन न होना: राज्य सरकार ने चाइनीज मांझे पर नोटिफिकेशन जारी किया था, लेकिन इसका पालन न होना दुर्भाग्यपूर्ण है।
चाइनीज मांझे का खतरनाक प्रभाव
चाइनीज मांझा नायलॉन और प्लास्टिक से बना होता है, जिसमें कांच या धातु के बारीक टुकड़े होते हैं। यह न केवल मानव जीवन के लिए खतरा है, बल्कि पक्षियों और पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचाता है।
जनता की अपील और उम्मीद
इस घटना के बाद जनता ने चाइनीज मांझे की बिक्री पर तुरंत रोक लगाने और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। लोग प्रशासन से अपेक्षा कर रहे हैं कि वह ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
हाईकोर्ट द्वारा लिया गया यह कदम उम्मीद जगाता है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सकेगा। प्रशासन को चाहिए कि वह चाइनीज मांझे पर पूरी तरह से प्रतिबंध लागू करने के लिए सक्रियता दिखाए और बाजार में इसकी उपलब्धता पर सख्त कार्रवाई करे। मासूम की मौत ने जो सवाल खड़े किए हैं, उनका समाधान अब सरकार और प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।