बिलासपुर। धान खरीदी केंद्रों में इन दिनों सख्त निगरानी की जा रही है। जिला प्रशासन ने कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देश पर भौतिक सत्यापन के दौरान बड़ी गड़बड़ी का खुलासा किया है। बीते दो दिनों में 5 धान खरीदी केंद्रों में ऑनलाइन दर्ज धान की तुलना में 1704 क्विंटल अधिक धान का भंडारण पाया गया। इस गड़बड़ी का बाजार मूल्य 52.84 लाख रुपये है। जब्त किए गए धान के साथ संबंधित खरीदी केंद्र प्रभारियों पर कानूनी कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।
जिला खाद्य अधिकारी अनुराग भदौरिया ने बताया कि राजस्व, खाद्य और सहकारिता विभागों की संयुक्त टीम द्वारा यह कार्रवाई की गई। इस दौरान केंद्रों में मौजूद धान का गहन सत्यापन किया गया। टीम ने धान के बोरों की गणना और उनका रैंडम वजन लेकर उसे ऑनलाइन दर्ज आंकड़ों से मिलाया।
प्रमुख धान खरीदी केंद्रों की स्थिति:
- बोदरी केंद्र:
यहां सत्यापन के दौरान 240 क्विंटल अधिक धान पाया गया। जब्त किए गए धान को सरकारी अभिरक्षा में लिया गया और संबंधित समिति पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। - गनियारी केंद्र:
यहां 681 कट्टी (लगभग 340.5 क्विंटल) अतिरिक्त धान मिला। इसे भी जब्त कर प्रकरण दर्ज किया गया। - सोन तहसील (पचपेड़ी) केंद्र:
जांच में 500 कट्टी (250 क्विंटल) धान अधिक पाया गया। संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई। - कौड़िया तहसील (सीपत) केंद्र:
इस केंद्र में 230 क्विंटल अधिक धान मिला। जांच के बाद संबंधित समिति पर मामला दर्ज हुआ। - बोडसरा केंद्र:
यहां सत्यापन में 762.6 क्विंटल अतिरिक्त धान पाया गया। इसे भी जब्त कर समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई।
कलेक्टर अवनीश शरण ने धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी के अंतिम दिन तक ऐसी कार्रवाई जारी रहेगी। प्रशासन का यह कदम गड़बड़ी रोकने और किसानों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।
क्यों होती हैं ऐसी गड़बड़ियां?
धान खरीदी केंद्रों में गड़बड़ी के मुख्य कारण हैं:
- किसानों के नाम पर धान का फर्जी पंजीकरण।
- बाहरी राज्यों से धान लाकर खरीदी में शामिल करना।
- अधिकारियों और समितियों की मिलीभगत।
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य देने और बिचौलियों पर रोक लगाने के लिए धान खरीदी प्रक्रिया को डिजिटल किया है। हालांकि, यह मामला दिखाता है कि ऑनलाईन प्रक्रिया के बावजूद गड़बड़ियां हो रही हैं।
प्रशासन की सख्त कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि धान खरीदी में किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम ईमानदार किसानों को न्याय दिलाने और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। प्रशासन को उम्मीद है कि ऐसी कार्रवाई से भविष्य में धान खरीदी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी।