बिलासपुर, 20 जनवरी: मध्यप्रदेश के कटनी जिले के ग्रामीणों ने रेलवे के खिलाफ अनोखे तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया। गाजे-बाजे के साथ सैकड़ों महिलाएं और पुरुषों ने रेलवे DRM कार्यालय, बिलासपुर का घेराव किया। प्रदर्शन का मुख्य कारण तीसरी रेल लाइन के विस्तार से ग्रामीणों को हो रही समस्याएं हैं।
कटनी जिले के झरेला क्षेत्र के ग्रामीण लंबे समय से रेलवे क्रॉसिंग पर ब्रिज की मांग कर रहे हैं। तीसरी रेल लाइन बनने के बाद इस समस्या ने और गंभीर रूप ले लिया है। रेल लाइन के दोनों ओर बसे ग्रामीणों को हर रोज़ अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक पार करना पड़ता है।
ग्रामीण 2017 से अंडर ब्रिज या ओवर ब्रिज की मांग कर रहे हैं। रेलवे की अनदेखी के कारण लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब तक उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा, वे प्रदर्शन जारी रखेंगे।
इस बार महिलाओं ने गाजे-बाजे के साथ DRM कार्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया। पारंपरिक वाद्ययंत्रों के साथ उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे उग्र आंदोलन करेंगे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रेल प्रशासन उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है।
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने साफ कर दिया कि अगर जल्द ही रेलवे प्रशासन उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं करता, तो वे बड़े आंदोलन की शुरुआत करेंगे। उनका कहना है कि इस समस्या का हल जल्द से जल्द निकाला जाना चाहिए ताकि रोज़ाना के आवागमन में होने वाली परेशानियों से राहत मिल सके।
अब तक रेलवे प्रशासन की ओर से कोई ठोस बयान नहीं आया है। लेकिन प्रदर्शन के दबाव के बाद उम्मीद की जा रही है कि प्रशासन जल्द ही इस मुद्दे पर विचार करेगा।
कटनी जिले के झरेला क्षेत्र के ग्रामीणों की यह समस्या लंबे समय से चली आ रही है। यदि रेलवे प्रशासन जल्द ही इस पर ध्यान नहीं देता, तो यह आंदोलन और बड़ा रूप ले सकता है। यह समय है कि प्रशासन संवेदनशीलता दिखाते हुए इस समस्या का स्थायी समाधान निकाले।