बिलासपुर। धान खरीदी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा गठित संयुक्त सत्यापन टीम ने आज एक बड़ी कार्रवाई करते हुए लगभग 70 लाख रुपए के 2238 क्विंटल धान का रकबा समर्पण कराया। यह कार्रवाई कलेक्टर अवनीश शरण के निर्देशन में की गई और आगे भी ऐसी जांच जारी रहने की संभावना है। राज्य सरकार ने धान खरीदी की अंतिम समय-सीमा 31 जनवरी 2025 तय की है।
सत्यापन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी
खाद्य नियंत्रक अनुराग भदौरिया के अनुसार, तहसील कोटा स्थित विभिन्न धान उपार्जन केंद्रों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान भौतिक सत्यापन के बाद कई किसानों द्वारा अधिक बताए गए धान का रकबा समर्पित कराया गया।
- चपोरा धान उपार्जन केंद्र:
- निरीक्षण नायब तहसीलदार द्वारा किया गया।
- 23 किसानों से कुल 610 क्विंटल धान का रकबा समर्पित।
- रानीगांव धान उपार्जन केंद्र:
- 08 जारी टोकनों में से 03 किसान अनुपस्थित मिले।
- 190 क्विंटल धान का रकबा समर्पित कराया गया।
- जोधरा धान उपार्जन केंद्र (तहसील पचपेड़ी):
- 07 किसानों से 350 क्विंटल धान (6.2 एकड़ रकबा) समर्पित।
- सोन धान उपार्जन केंद्र:
- 3.11 हेक्टेयर (162 क्विंटल) धान का रकबा समर्पित।
- चिल्हाटी धान उपार्जन केंद्र:
- 1.056 हेक्टेयर (54 क्विंटल) धान का रकबा समर्पित।
- जुनापारा धान उपार्जन केंद्र (तहसील तखतपुर):
- 108 क्विंटल धान का रकबा समर्पित।
- टिकारी धान उपार्जन केंद्र:
- 03 किसानों से 154.40 क्विंटल धान का रकबा समर्पित।
क्यों जरूरी है यह कार्रवाई?
इस प्रकार की कार्रवाई का उद्देश्य धान खरीदी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकना है। धान की फर्जी खरीदी और रकबा बढ़ाकर दिखाने की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं, जो सरकारी खजाने पर अनावश्यक बोझ डालती हैं।
आगे की योजना
कलेक्टर अवनीश शरण ने स्पष्ट किया है कि सत्यापन कार्य को और सख्ती से लागू किया जाएगा। किसी भी स्तर पर अनियमितता पाए जाने पर जिम्मेदार व्यक्तियों और संस्थानों पर कड़ी कार्रवाई होगी। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि वास्तविक किसानों को उनके हक का लाभ मिले और फर्जीवाड़े पर पूरी तरह रोक लगाई जाए।