थाना मस्तूरी, जिला बिलासपुर (छत्तीसगढ़) में सरकारी राशन की हेराफेरी के एक बड़े मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। यह मामला सेवा सहकारी समिति मस्तूरी से जुड़ा है, जिसमें प्रबंधक और विक्रेता द्वारा शासकीय चावल, शक्कर और नमक की हेराफेरी की गई थी।
बिलासपुर जिले के मस्तूरी सेवा सहकारी समिति में प्रबंधक मनोज रात्रे और विक्रेता मनीराम कुर्रे को सरकारी खाद्यान्न वितरण में अनियमितता के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। यह मामला उस समय उजागर हुआ जब सहकारी समिति के अंतर्गत चावल, शक्कर और नमक की सरकारी आपूर्ति में हेराफेरी की सूचना मिली। मामले की शिकायत पर जांच की गई, जिसमें अनियमितता पाई गई।
अनियमितता का खुलासा:
इस मामले की शुरुआत 01 अप्रैल 2024 को हुई, जब समिति के प्रबंधक मनोज रात्रे और विक्रेता मनीराम कुर्रे को राशन वितरण के लिए 303 क्विंटल चावल, 853 किलोग्राम शक्कर, और 646 किलोग्राम नमक सौंपा गया था। यह खाद्यान्न ऑनलाइन माध्यम से वितरण के लिए दिया गया था। दिनांक 22 अगस्त 2024 को खाद्य निरीक्षक ललिता शर्मा और उनकी टीम ने इस वितरण का निरीक्षण किया। उनकी जांच में पाया गया कि चावल का 30.50 क्विंटल, शक्कर का 12.30 क्विंटल और नमक का 14.50 क्विंटल जमा नहीं था।
कलेक्टर कार्यालय की कार्रवाई:
इस जांच का प्रतिवेदन कलेक्टर खाद्य शाखा को 27 अगस्त 2024 को भेजा गया। कलेक्टर कार्यालय ने अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए संबंधित अधिकारियों को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) मस्तूरी के निर्देशानुसार 16 अक्टूबर 2024 को एफआईआर दर्ज की गई। आरोपियों पर धारा 3/7 ईसी एक्ट और 316(5), 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर लिया गया।
आरोपियों की गिरफ्तारी:
पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक उदयन बेहार और उप पुलिस अधीक्षक डी.आर. टंडन के निर्देशन में पुलिस टीम ने 18 मार्च 2025 को कार्रवाई करते हुए आरोपियों को उनके निवास से गिरफ्तार किया। दोनों आरोपियों ने पूछताछ में अपना अपराध स्वीकार कर लिया, जिसके बाद उन्हें विधिवत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।