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जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में बड़ा आतंकी हमला: 26 पर्यटकों की मौत, टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी, हाई अलर्ट घोषित…

जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में मंगलवार को एक दिल दहला देने वाला आतंकी हमला हुआ, जिसमें कम से कम 26 पर्यटकों की मौत हो गई। यह हमला दोपहर तीन बजे के आसपास अनंतनाग जिले की बैसरन घाटी में हुआ, जिसे मिनी स्विट्ज़रलैंड भी कहा जाता है। आतंकियों ने सेना और पुलिस की वर्दी पहन रखी थी, जिससे वे सुरक्षा बलों की तरह दिखाई दे रहे थे।

हमले की भयावहता

तीन से चार आतंकवादी बैसरन घाटी के ऊपरी इलाकों से नीचे उतरे और घुड़सवारी कर रहे पर्यटकों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले में महिलाओं, बच्चों और स्थानीय लोगों समेत कई घोड़े भी घायल हुए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हमलावरों के पास एके-47 और अन्य आधुनिक हथियार थे।

कुछ चश्मदीदों के अनुसार, हमलावर पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर निशाना बना रहे थे, जिससे हमले की साम्प्रदायिक मंशा भी सामने आती है। घायलों को पहाड़ी इलाके से खच्चरों और स्ट्रेचर के सहारे अस्पतालों तक पहुंचाया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है।

टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी

आतंकी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF), जो लश्कर-ए-तैबा का एक फ्रंट ग्रुप माना जाता है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है। टीआरएफ ने अपने एक संदेश में गैर-स्थानीय लोगों को निशाना बनाने की धमकी भी दी है। हालांकि जांच एजेंसियां अभी इस बात की पुष्टि कर रही हैं कि हमले के पीछे TRF ही है या कोई और बड़ा आतंकी संगठन।

सुरक्षा बलों की त्वरित कार्रवाई

हमले के बाद पूरे जम्मू-कश्मीर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक कर हालात की समीक्षा की और तुरंत जम्मू-कश्मीर के लिए रवाना हो गए। सेना, बीएसएफ, सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने संयुक्त तलाशी अभियान शुरू कर दिया है। 15 से अधिक संवेदनशील बिंदुओं पर घेराबंदी की गई है और ड्रोन, खोजी कुत्ते और हेलीकॉप्टर की मदद से आतंकियों की तलाश की जा रही है।

राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रिया

देशभर में इस हमले की तीव्र निंदा की जा रही है। विपक्षी दलों ने सरकार से यह सवाल पूछा है कि अमरनाथ यात्रा जैसे महत्वपूर्ण आयोजन से पहले सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। वहीं स्थानीय लोगों में भी भय और गुस्से का माहौल है।

संभावित उद्देश्य

बैसरन घाटी एक शांतिप्रिय और पर्यटकों के लिए लोकप्रिय स्थान है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला अमरनाथ यात्रा को विफल करने और जम्मू-कश्मीर में पर्यटक गतिविधियों को बाधित करने के इरादे से किया गया है। सुरक्षा एजेंसियों को पहले से इनपुट मिला था कि आतंकी संगठन अमरनाथ यात्रा से पहले बड़ा हमला कर सकते हैं।

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