
रायपुर, 26 अप्रैल 2025 — छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में एक नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प लेते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को देश के टॉप-100 शैक्षणिक संस्थानों में स्थान दिलाने के लिए गुणवत्ता सुधार पर विशेष जोर देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने आज अपने निवास कार्यालय में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में यह बात कही।
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि अगर छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक संस्थानों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई जाए, तो न केवल प्रदेश के छात्रों को लाभ होगा, बल्कि देश के अन्य राज्यों और विदेशों से भी विद्यार्थी छत्तीसगढ़ में अध्ययन के लिए आकर्षित होंगे। इससे प्रदेश की शैक्षणिक छवि राष्ट्रीय फलक पर और मजबूत होगी।
राष्ट्रीय मॉडल कॉलेज की स्थापना
साय ने कोरबा, दंतेवाड़ा और रायगढ़ जैसे जिलों में, जहां पर्याप्त जिला खनिज निधि (DMF) उपलब्ध है, कुछ महाविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर के मॉडल कॉलेज के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन मॉडल कॉलेजों को विषय विशेषज्ञता के साथ ऐसा बनाया जाए कि वे प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरे देश और विदेश के विद्यार्थियों के लिए भी अध्ययन और अनुसंधान के केंद्र बन सकें।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को मिलेगा वैश्विक आयाम
मुख्यमंत्री ने खैरागढ़ स्थित इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए विशेष रणनीति बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को उन्नत करने के लिए नवाचार और आधुनिक शिक्षा पद्धतियों का समावेश किया जाएगा, जिससे विश्व स्तर पर इसकी प्रतिष्ठा बढ़ सके।
‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ नीति पर बल
नवीन शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप मुख्यमंत्री साय ने ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ नीति को अपनाने का सुझाव दिया। इसके तहत विभिन्न उद्योगों और क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शिक्षण से जोड़ा जाएगा, जिससे विद्यार्थियों को व्यावहारिक ज्ञान और वर्तमान औद्योगिक आवश्यकताओं की बेहतर समझ मिलेगी।
उच्च शिक्षा विभाग की प्रगति और योजनाएं
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. भारतीदासन ने विभागीय गतिविधियों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री उषा योजना के तहत बस्तर विश्वविद्यालय को मेरु योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त हुआ है। इसके अलावा प्रदेश के 7 शासकीय और 17 निजी विश्वविद्यालयों तथा सैकड़ों महाविद्यालयों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को सफलतापूर्वक लागू कर दिया गया है।
डॉ. भारतीदासन ने रुसा 1.0 और 2.0 के तहत की गई प्रगति, प्राध्यापकों की पदोन्नति, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग एवं व्यापमं के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया की जानकारी भी साझा की। आगामी योजनाओं में ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ की नियुक्ति, कौशल उन्नयन कार्यक्रम, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का विकास और उद्यमिता को बढ़ावा देना शामिल है।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण बैठक में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव बसवराजू एस., उच्च शिक्षा आयुक्त डॉ. संतोष देवांगन सहित उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की इस पहल से छत्तीसगढ़ के शिक्षा क्षेत्र में एक नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है, जो आने वाले समय में प्रदेश को देश के अग्रणी शैक्षणिक केंद्रों में स्थान दिलाने में सहायक होगी।