
बिलासपुर। देशभर के साथ-साथ बिलासपुर में भी 7 मई को सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को आपातकालीन परिस्थितियों में उचित व्यवहार और सुरक्षा उपायों के प्रति जागरूक बनाना है। इस मॉक ड्रिल को लेकर आज मंथन सभाकक्ष में कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं एसएसपी रजनेश सिंह ने अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों की समीक्षा की।
कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि मॉक ड्रिल केवल एक रिहर्सल है और इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। इसका उद्देश्य आपदा की स्थिति में जान-माल की क्षति को कम करने हेतु नागरिकों को सजग बनाना है। उन्होंने बताया कि जिले के प्रमुख संस्थान जैसे एनटीपीसी, एसईसीएल, रेलवे, एयरपोर्ट सहित सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन से जुड़ी संस्थाएं — एनसीसी, एनएसएस, होम गार्ड्स, रेडक्रास सोसायटी — मॉक ड्रिल में भाग लेंगी।
ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी के रूप में सायरन बजाए जाएंगे और नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का अभ्यास किया जाएगा। ब्लैकआउट जैसी परिस्थितियों में बिजली प्रबंधन का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पूर्व तैयारी से होगी कम क्षति: एसएसपी रजनेश सिंह
एसएसपी रजनेश सिंह ने बताया कि मॉक ड्रिल के आयोजन के निर्देश केंद्रीय गृह मंत्रालय से प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हर संस्था अपने अनुसार ड्रिल का स्वरूप तय करेगी। उन्होंने स्वयंसेवकों, एनसीसी, एनएसएस, और पूर्व सैनिकों की सूची तैयार करने पर जोर देते हुए अपील की कि सोशल मीडिया या किसी अन्य माध्यम से फैलने वाली अफवाहों पर ध्यान न दें।
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे मॉक ड्रिल को एक सामान्य अभ्यास समझें और इसे गंभीरता से लें ताकि किसी वास्तविक आपदा की स्थिति में तत्परता से प्रतिक्रिया दी जा सके।
विशेष सतर्कता और SOP का पालन जरूरी
कलेक्टर अग्रवाल ने केंद्रीय संस्थानों को विशेष सतर्कता बरतने और सुरक्षा से संबंधित स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) का नियमित पालन करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल के लिए कोई निर्धारित समय नहीं रखा गया है, संस्थाएं अपनी सुविधानुसार 7 मई को इसका आयोजन कर सकती हैं।
इस बैठक में नगर निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, जिला कमांडेंट दीपांकुर नाथ और रेडक्रास सोसायटी के समन्वयक सौरभ सक्सेना भी मौजूद थे।