बिलासपुर। यदुनंदन नगर और इसके आसपास की कॉलोनियों में बिजली संकट ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है। हालत यह हो गई है कि लोग अपने ही घरों को छोड़कर रिश्तेदारों और परिचितों के यहां रहने को मजबूर हो गए हैं। गर्मी के इस मौसम में लगातार बिजली की कटौती और मरम्मत कार्यों की अनदेखी ने क्षेत्रवासियों की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है।
क्षेत्रीय पार्षद संजय सीमा सिंह ने बताया कि वे पिछले एक महीने से लगातार बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर रहे हैं, कई जगहों का ट्रांसफार्मर खराब लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है। उन्होंने आरोप लगाया कि अब अधिकारी उनकी कॉल तक उठाना बंद कर चुके हैं। पार्षद का कहना है कि बिजली विभाग के पास जरूरी संसाधनों की भी भारी कमी है — यहां तक कि खंभों में चढ़ने के लिए सीढ़ी तक नहीं है। कई बार उन्हें खुद ही यह व्यवस्था करनी पड़ती है, ताकि कोई तकनीकी कार्य हो सके।
पार्षद सिंह ने बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी बड़ी आबादी वाले क्षेत्र में अगर विभाग के पास मूलभूत संसाधन नहीं हैं, तो आम जनता की समस्याएं कब हल होंगी? उन्होंने मांग की है कि बिजली विभाग जल्द से जल्द स्थायी समाधान निकाले, अन्यथा स्थानीय लोग आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
जनता में रोष, प्रशासन मौन
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात भर बिजली नहीं रहने से बच्चों, बुजुर्गों और बीमारों की हालत खराब हो जाती है। पंखे और कूलर तक काम नहीं करते, और पानी की सप्लाई भी ठप हो जाती है। इससे नाराज़ नागरिकों में भारी रोष है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि प्रशासन और बिजली विभाग से अब तक कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
जरूरत है ठोस कदमों की
बिजली जैसी बुनियादी सुविधा की कमी से जूझ रही यदुनंदन नगर की जनता अब जवाब मांग रही है। ये सिर्फ एक क्षेत्र की नहीं, बल्कि एक बड़ी प्रशासनिक विफलता की कहानी है, जिसे जल्द से जल्द ठीक किया जाना चाहिए, ताकि लोग अपने ही घरों में सुरक्षित और सुकून से रह सकें।