Saturday, June 21, 2025
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बिलासपुर में बुलडोजर मानवता पर भारी: कैंसर पीड़ित बच्चे की मौत, परिजनों का फूटा ग़ुस्सा, कलेक्ट्रेट का किया घेराव…

बिलासपुर, छत्तीसगढ़। बिलासपुर के सरकंडा थाना क्षेत्र के लिंगियाडीह इलाके में नगर निगम की बुलडोजर कार्रवाई अब एक मानवीय त्रासदी का रूप ले चुकी है। सड़क चौड़ीकरण के नाम पर की गई इस कार्रवाई ने एक गरीब परिवार की आखिरी उम्मीद भी छीन ली। कैंसर से जूझ रहे 5 वर्षीय मासूम अंशु यादव की इलाज के दौरान मौत हो गई, जब उसके घर को नगर निगम ने बिना किसी पूर्व सूचना के तोड़ दिया।

परिजनों का आरोप है कि वे रायपुर के मेकाहारा हॉस्पिटल में बच्चे का इलाज करवा रहे थे। इस दौरान उन्होंने नगर निगम से दो से तीन दिन की मोहलत मांगी थी ताकि इलाज पूरा किया जा सके और बच्चे को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जा सके, लेकिन प्रशासन ने कोई राहत नहीं दी। बुलडोजर चला और उस समय परिवार के पास अपने टूटते मकान और तड़पते बच्चे को बचाने की कोई गुंजाइश नहीं बची।

“बिना समय दिए मकान तोड़ दिया” – परिजन

अंशु यादव के परिजनों का आरोप है कि नगर निगम की टीम ने उन्हें कोई लिखित सूचना नहीं दी और कार्रवाई अचानक शुरू कर दी गई। जिस समय मकान तोड़ा गया, पूरा परिवार रायपुर में इलाज करवा रहा था। मकान में रखे दस्तावेज़, कपड़े, दवाइयाँ और ज़रूरी सामान सब मलबे में दब गए। परिजनों ने बताया कि बच्चे की हालत पहले से ही नाज़ुक थी और इस मानसिक आघात के बाद उसका जीवन नहीं बचाया जा सका।

“मानवता पर भारी पड़ा बुलडोजर”: इस घटना के बाद स्थानीय नागरिकों में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि नगर निगम ने एकपक्षीय कार्रवाई की है। जहां रसूखदारों के मकान बचे रहे, वहीं गरीबों के घर ज़मीनदोज़ कर दिए गए। 70 वर्षीया बुजुर्ग महिला, जो वर्षों से संपत्ति कर भर रही थी, उसे भी कोई वैकल्पिक आवास नहीं दिया गया।

कलेक्ट्रेट का घेराव, न्याय की मांग: अंशु के परिजन और स्थानीय लोगों ने आज कलेक्ट्रेट का घेराव कर नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। लोगों की मांग है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो, पीड़ित परिवार को मुआवज़ा मिले और भविष्य में ऐसी अमानवीय कार्रवाइयों से बचा जाए।

प्रशासन की चुप्पी: घटना के बाद भी प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। स्थानीय अधिकारी फोन कॉल्स से बचते नजर आ रहे हैं। इस बीच, मानवाधिकार संगठनों ने भी इस मामले में दखल देने की बात कही है और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की है।

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