Thursday, June 19, 2025
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पूर्व पति ने पत्नी की अंकसूची में की कूटरचना, फर्जी दस्तावेज़ के सहारे कर रहा नौकरी– महिला की शिकायता पर एफआईआर दर्ज…

बिलासपुर। शहर के राजकिशोर नगर निवासी 40 वर्षीय शालिनी कलसा ने गंभीर आरोप लगाते हुए अपने पूर्व पति संकल्प तिवारी पर शैक्षणिक दस्तावेजों में कूटरचना कर नौकरी हासिल करने का मामला उजागर किया है। शालिनी ने शुक्रवार को प्रेस क्लब पहुंचकर इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक से शिकायत की और आरोपी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की।

शालिनी कलसा ने बताया कि उनकी ग्रेजुएशन की अंकसूची, जो कि बीएचएससी होम साइंस, जीडीसी गर्ल्स कॉलेज, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से प्राप्त हुई थी, को उनके पूर्व पति संकल्प तिवारी ने धोखाधड़ी से बदलकर बीएससी कंप्यूटर साइंस, सीएमडी कॉलेज के रूप में दर्शाया। न केवल कॉलेज का नाम बदला गया, बल्कि वही रोल नंबर, एनरोलमेंट नंबर और उत्तीर्ण वर्ष अंकसूची में दर्शाया गया है। जबकि वास्तविक अंकसूची में विश्वविद्यालय का कॉपीराइट मोनो है, फर्जी दस्तावेज़ में इसकी गैरमौजूदगी से कूट रचना स्पष्ट होती है।

शालिनी ने आरोप लगाया कि इस फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर संकल्प तिवारी ने विभिन्न फार्मा कंपनियों में एरिया मैनेजर जैसे पदों पर नौकरी प्राप्त की। उन्हें इस धोखाधड़ी की जानकारी काफी समय बाद हुई, जिसके बाद उन्होंने RTI के माध्यम से विश्वविद्यालय से जानकारी प्राप्त की और मामले की सच्चाई सामने आई।

इस संबंध में उन्होंने 22 नवंबर 2024 को पुलिस अधीक्षक को लिखित आवेदन दिया था, परंतु लंबे समय तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। हालांकि, अब एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर संकल्प तिवारी के विरुद्ध सिविल लाइन थाना में BNS की धारा 318(4) और 336(3) के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

शालिनी ने यह भी आरोप लगाया कि संकल्प तिवारी ने एक और फर्जी अंकसूची मैथ्स यूनिवर्सिटी रायपुर के नाम से तैयार कर ली है और वर्तमान में उसके जरिए भी नौकरी कर रहा है। जब शालिनी ने इसका विरोध किया तो उन्हें शिकायत वापस लेने के लिए धमकियाँ भी दी जा रही हैं।

शालिनी कलसा ने पुलिस से मांग की है कि संकल्प तिवारी से 10वीं, 12वीं और ग्रेजुएशन की सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्रों की जब्ती की जाए और इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में कोई इस तरह की कूटरचना कर झूठे दस्तावेजों के बल पर लाभ न उठा सके।

पुलिस अधीक्षक ने इस गंभीर मामले को संज्ञान में लेते हुए सिविल लाइन थाना को गहन जांच के निर्देश दिए हैं। अब देखना होगा कि जांच के बाद पुलिस आरोपी पर क्या कानूनी कदम उठाती है।

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