बिलासपुर। जिले में खनिजों के बाजार मूल्यों में लंबे समय बाद वृद्धि की गई है। कलेक्टर बिलासपुर द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति ने यह संशोधन करते हुए खनिजों की नई दरों का निर्धारण किया है, जो 1 जून 2025 से प्रभावी होगा।
गौरतलब है कि वर्ष 2019 के बाद से खनिजों की शासकीय बाजार दरों में कोई संशोधन नहीं किया गया था। आमतौर पर राज्य शासन द्वारा जब रॉयल्टी या अन्य करों में परिवर्तन किया जाता है, तब उसी अनुपात में खनिजों के बाजार मूल्य में भी वृद्धि की जाती है। परंतु वर्ष 2018 के बाद से रॉयल्टी या अन्य करों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी।
मूल्य वृद्धि के पीछे के कारण
हालांकि सरकारी करों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई, लेकिन खनन प्रक्रिया में उपयोग होने वाले संसाधनों की लागत में व्यापक वृद्धि हुई है। इसमें मशीनों, डीजल, बिजली, भूमि किराया और मजदूरी की लागत शामिल हैं। इन कारणों से बाजार में खनिज शासकीय दरों की तुलना में कहीं अधिक कीमतों पर बेचे जा रहे थे। इससे न केवल शासकीय राजस्व प्रभावित हो रहा था, बल्कि अवैध खनिज परिवहन, भंडारण और उत्खनन के मामलों में कम जुर्माना लगने के कारण नियंत्रण के प्रयास भी कमजोर हो रहे थे।
नई बाजार दरें
समिति ने वर्तमान बाजार परिस्थितियों का विस्तृत अध्ययन कर खनिजों की नई बाजार दरें निम्नानुसार तय की हैं:
खनिज | पूर्व दर | नई दर |
---|---|---|
चुना पत्थर | ₹251 प्रति टन | ₹416 प्रति टन |
डोलोमाइट | ₹265 प्रति टन | ₹430 प्रति टन |
साधारण पत्थर | ₹401 प्रति घन मीटर | ₹671 प्रति घन मीटर |
रेत, मिट्टी, मुरम | ₹184 प्रति घन मीटर | ₹360 प्रति घन मीटर |
प्रभाव और क्रियान्वयन
कलेक्टर महोदय द्वारा सभी निर्माण विभागों को इन नई दरों के अनुसार भुगतान कटौती करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। यह दरें 1 जून 2025 से जारी होने वाले सभी टेंडरों में प्रभावी होंगी।
इसके अतिरिक्त, 1 जून 2025 से अवैध खनिज उत्खनन, परिवहन एवं भंडारण के मामलों में जब्त खनिजों पर भी यही नई दरें लागू होंगी। इससे जुर्माने की राशि भी वास्तविक बाजार स्थिति के अनुरूप अधिक होगी, जिससे अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने में सहायता मिलेगी।