नई दिल्ली, 3 जून 2025 — देश में एक बार फिर कोरोना वायरस (COVID-19) चिंता का विषय बन गया है। बीते कुछ दिनों में संक्रमित मरीजों और मौतों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी ने विशेषज्ञों और सरकार दोनों को सतर्क कर दिया है। 2 जून तक के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 24 घंटे में कोरोना से 5 लोगों की मौत हुई, जबकि 65 नए मरीज सामने आए हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक 37 मौतें कोरोना के नए वेरिएंट के कारण हो चुकी हैं। फिलहाल देश में 4,026 एक्टिव केस हैं और ये संख्या लगातार बढ़ रही है। खास बात यह है कि मई 2025 के बाद से मामलों में तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है, और पिछले चार दिनों में 31 मौतें हो चुकी हैं।
राज्यवार स्थिति: केरल और महाराष्ट्र सबसे ज़्यादा प्रभावित
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, कुल मामलों में से 50% से अधिक केस केवल केरल और महाराष्ट्र में हैं।
राज्य | कुल एक्टिव केस | 24 घंटे में नए केस | कुल मौतें | 24 घंटे में मौत |
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केरल | 1416 | 19 | 9 | 1 |
महाराष्ट्र | 494 | 12 | 10 | 2 |
दिल्ली | 393 | 90 | 4 | 0 |
कर्नाटक | 311 | 58 | 4 | 0 |
तमिलनाडु | 215 | 26 | 3 | 1 |
दिल्ली और कर्नाटक में भी नए मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। दिल्ली में एक दिन में 90 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि तमिलनाडु में भी स्थिति चिंताजनक होती जा रही है।
डर की मुख्य वजहें
- चार दिन में 31 मौतें, जिनमें से कई सीनियर सिटीज़न और को-मॉर्बिडिटी वाले मरीज थे
- कई राज्यों में पॉजिटिविटी रेट 15% से ऊपर
- कुछ मरीज ICU में भर्ती, भले ही लक्षण गंभीर नहीं हैं
- दिल्ली हाई कोर्ट की चेतावनी, केंद्र सरकार से रिपोर्ट मांगी गई
सरकार की तैयारी
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा है कि सरकार पूरी तरह से सतर्क है। पिछली लहर में बनाए गए ऑक्सीजन प्लांट, ICU बेड और आइसोलेशन वार्ड की समीक्षा की जा चुकी है।
दिल्ली के RML और सफदरजंग अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड दोबारा एक्टिव कर दिए गए हैं। RML अस्पताल में 9-बेड वाला स्पेशल COVID वार्ड तैयार हो चुका है।
क्या है डॉक्टरों की सलाह?
विशेषज्ञों के अनुसार, मौजूदा वेरिएंट से संक्रमित अधिकतर मरीजों में हल्के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश और बदन दर्द हैं। हालांकि, बुजुर्ग, को-मॉर्बिड और बिना वैक्सीनेशन वाले लोगों को खासतौर पर सतर्क रहना चाहिए।
क्या घबराने की जरूरत है?
फिलहाल स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है, लेकिन तेज़ी से बढ़ते केस और मौतों का आंकड़ा इस ओर इशारा करता है कि लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है। मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और समय पर टेस्ट कराना फिर से जरूरी हो गया है।