बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल से जुड़ा बहुचर्चित मामला अब उच्च न्यायालय की दहलीज तक पहुंच गया है। मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में चैतन्य को हिरासत में लिए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। चैतन्य बघेल की ओर से दाखिल इस याचिका में उनके हिरासत को गैरकानूनी करार देते हुए इसे रद्द करने की मांग की गई है।
गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने चैतन्य की याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए उन्हें हाईकोर्ट का रुख करने का निर्देश दिया था। सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद चैतन्य बघेल की ओर से बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने तर्क दिया है कि हिरासत में लेने की प्रक्रिया में विधिसम्मत प्रावधानों का पालन नहीं किया गया है और यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। मामले में जल्द ही सुनवाई होने की संभावना है।
चैतन्य बघेल का नाम प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग केस में सामने आया है, जिसमें कई राजनेताओं और अधिकारियों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल मचा दी है और सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।
अब सभी की नजरें हाईकोर्ट की अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जो यह तय करेगी कि चैतन्य बघेल की हिरासत जारी रहेगी या उन्हें राहत मिलेगी। मामला संवेदनशील होने के कारण कानूनी और राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर इसकी गूंज सुनाई दे रही है।