बिलासपुर। मोबाइल फोन की चाहत ने दोस्ती को खून में बदल डाला। रतनपुर थाना क्षेत्र के भरारी गांव में 13 वर्षीय नाबालिग की हत्या की गुत्थी को पुलिस ने सुलझा लिया है। इस हत्याकांड के पीछे मृतक का ही दोस्त निकला, जिसने गेम खेलने के लिए मोबाइल पाने की लालच में अपने साथी की गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
दिनांक 31 जुलाई की शाम करीब 4:30 बजे भरारी निवासी धनंजय सूर्यवंशी का नाबालिग भतीजा घर से बिना बताए निकला और साथ में मोबाइल फोन भी ले गया। परिजनों ने जब उसे ढूंढा नहीं पाया तो अगले दिन 1 अगस्त को थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मामले को अपहरण के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की और लगातार सर्च ऑपरेशन चलाया।
मोबाइल लोकेशन व टेक्निकल टीम की मेहनत के बाद बालक की लाश ग्राम भरारी के ही स्कूल के बंद पड़े कमरे से बरामद हुई। इस घटनाक्रम ने पुलिस को हत्या की ओर इशारा दिया।
पुलिस ने मृतक के दोस्तों से पूछताछ की तो सामने आया कि मृतक के पास हमेशा मोबाइल रहता था और उसका एक दोस्त, छत्रपाल सूर्यवंशी (उम्र 19 वर्ष), उसी मोबाइल पर नजर रखे रहता था। टेक्निकल इंटेलिजेंस से जुटाए गए सुरागों के आधार पर पुलिस ने छत्रपाल को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने चौंकाने वाला खुलासा किया—
गेम खेलने के लिए उसके पास मोबाइल नहीं था। इसी वजह से उसने मृतक से मोबाइल छीनने की नीयत से उसे स्कूल के बंद कमरे में बुलाया और गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद आरोपी ने मृतक का मोबाइल लेकर फरार होने की कोशिश की।
आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिलने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। इस सफलता में थाना प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार चौहान, उपनिरीक्षक मेलाराम कठौतिया, कमलेश बंजारे, प्र.आर. बलदेव सिंह, देवानंद चंद्राकर, आकाश डोंगरे व धनराज कुम्भकार की विशेष भूमिका रही।
यह मामला केवल एक हत्या नहीं, बल्कि समाज को आईना दिखाने वाला है कि किस तरह तकनीक की लत और मोबाइल की चाहत युवा पीढ़ी को अपराध की राह पर धकेल रही है। महज़ गेम खेलने की लत ने एक दोस्त को हत्यारा और दूसरे को जीवन से वंचित कर दिया।