बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में साय सरकार के मंत्री मंडल विस्तार को लेकर दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह मामला मुख्य न्यायाधीश की डिवीजन बेंच के समक्ष लगा।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से एक शपथपत्र पेश किया गया, जिसमें उनके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का ब्यौरा दर्ज था। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने सवाल उठाते हुए कहा कि पेश किए गए दस्तावेज़ों में न तो फोटो खिंचवाने की तारीख है और न ही समय का उल्लेख। ऐसे में इन दस्तावेजों की प्रामाणिकता पर संदेह बना हुआ है।
वहीं, राज्य की ओर से महाधिवक्ता ने दलील दी कि इस तरह का मामला पहले से ही 2022 से सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए इस याचिका पर विचार करने में सावधानी बरतनी होगी।
याचिकाकर्ता ने अदालत से दो सप्ताह का समय मांगा, जिसे स्वीकार करते हुए न्यायालय ने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ा दिया। अब इस जनहित याचिका पर तीन सप्ताह बाद अगली सुनवाई होगी।
गौरतलब है कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में साय सरकार के मंत्री मंडल विस्तार को असंवैधानिक ठहराने की मांग की है।