बिलासपुर। मस्तूरी जनपद कार्यालय के पास मंगलवार की शाम हुई गोलीबारी ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। पुलिस ने इस मामले में तेज़ी से कार्रवाई करते हुए 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत और उसके दो भाई भी शामिल हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस घटना के पीछे मस्तूरी क्षेत्र में जमीन की दलाली और राजनीतिक वर्चस्व की लड़ाई छिपी हुई है।
पुलिस के अनुसार, मस्तूरी निवासी नितेश सिंह और आरोपी विश्वजीत अनंत के परिवार के बीच लंबे समय से जमीन की खरीद-फरोख्त, अतिक्रमण और इलाके में दबदबा कायम करने को लेकर विवाद चल रहा था। इस मामले में दोनों पक्षों ने पहले भी एक-दूसरे के खिलाफ मस्तूरी और सिविल लाइन थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बताया गया है कि कुछ समय पहले बिलासपुर के एक शॉपिंग मॉल में भी दोनों के बीच विवाद हुआ था, जिसकी शिकायत पुलिस में की गई थी।
मुख्य आरोपी विश्वजीत अनंत ने अपने भाइयों और साथियों के साथ मिलकर नितेश सिंह की हत्या की साजिश रची थी। आरोपियों को यह जानकारी थी कि नितेश रोज शाम को मस्तूरी जनपद कार्यालय के पास अपने साथियों के साथ बैठता है। 25 अक्टूबर को भी वारदात की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह असफल रही। इसके बाद 28 अक्टूबर को शाम करीब 6 बजे आरोपी दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर पहुंचे और नितेश सिंह एवं उसके साथियों पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी।
इस घटना में नितेश के साथी राजू सिंह और चंद्रभान सिंह गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तत्काल अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया।

🔹 साजिश के पीछे पैसों का लेनदेन?
जांच के दौरान पुलिस को जानकारी मिली कि तारकेश्वर पाटले नामक व्यक्ति ने कथित रूप से विश्वजीत को हत्या के लिए ₹1 लाख रुपये दिए थे, जिसे उसने अपने साथियों में बांटा था। हालांकि पुलिस को फिलहाल इस लेनदेन का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है और इसकी पुष्टि की जा रही है।
🔹 गिरफ्तार आरोपी
- विश्वजीत अनंत (29), निवासी ग्राम मोहतरा
- अरमान उर्फ बलमजीत अनंत (29), निवासी ग्राम मोहतरा
- चाहत उर्फ विक्रमजीत अनंत (19), निवासी ग्राम मोहतरा
- मोहम्मद मुस्तकीम उर्फ नफीस (29), निवासी भारतीय नगर
- मोहम्मद मतीन उर्फ मोंटू (22), निवासी अटल आवास कोनी
- दो विधि से संघर्षरत किशोर
🔹 बरामद हथियार और सामग्री
- देशी पिस्टल – 2 नग
- देशी कट्टा – 1 नग
- मैगजीन – 5 नग
- जिंदा कारतूस – 4 नग
- खाली खोखे – 13 नग
- बुलेट – 10 नग
- मोबाइल फोन – 5 नग
🔹 पुलिस की सक्रिय कार्रवाई
घटना के तुरंत बाद एसएसपी रजनेश सिंह के निर्देश पर विशेष टीम गठित की गई। पुलिस ने देर रात तक विभिन्न स्थानों पर दबिश देकर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बुधवार की रात एसएसपी ने प्रेस वार्ता में मामले का खुलासा किया।
🔹 राजनीतिक साये में अपराध
सूत्रों के अनुसार, बिलासपुर में हुए पुराने विवाद के बाद एक स्थानीय कांग्रेस नेता—जो पूर्व में आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में घिरा था—ने दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने की कोशिश की थी। लेकिन विवाद शांत नहीं हुआ और आखिरकार यह गोलीबारी में तब्दील हो गया।
मस्तूरी गोलीकांड केवल आपसी रंजिश का परिणाम नहीं, बल्कि जमीन के धंधे में बढ़ते अपराध, वर्चस्व की राजनीति और पैसों की लालच का संगम है। पुलिस की तेज़ कार्रवाई ने बड़े गैंगवार को रोक दिया, लेकिन यह सवाल अब भी बना हुआ है—क्या मस्तूरी जैसे शांत इलाके में अपराधियों का नेटवर्क इतना मजबूत हो गया है कि कानून को बार-बार चुनौती मिल रही है?




