बिलासपुर, छत्तीसगढ़।
मंगलवार शाम बिलासपुर रेलवे डिविजन में एक भीषण ट्रेन हादसे ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया। बिलासपुर से कोरबा जा रही मेमू पैसेंजर ट्रेन एक खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई, जिससे अब तक 6 यात्रियों की मौत और कई लोगों के घायल होने की खबर सामने आई है। हादसा जयरामनगर और गतोरा स्टेशन के बीच शाम करीब 4 बजे हुआ।
हादसे की जानकारी मिलते ही आईजी, कलेक्टर, एसएसपी समेत रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी तत्काल मौके पर पहुंच गए हैं। रेस्क्यू अभियान युद्धस्तर पर जारी है। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है।
🚨 हादसे के बाद मचा हड़कंप
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, टक्कर इतनी जोरदार थी कि मेमू ट्रेन के आगे के डिब्बे पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। घटना के बाद चारों ओर अफरातफरी मच गई। मौके पर रेलवे पुलिस, स्थानीय प्रशासन, एनडीआरएफ और मेडिकल यूनिट राहत कार्य में जुटे हैं।
वर्तमान में बिलासपुर–कोरबा रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। कई पैसेंजर और एक्सप्रेस ट्रेनों को डायवर्ट किया गया है।
⚠️ हादसे का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
रेलवे अधिकारियों ने हादसे के कारणों पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। सिग्नल फेलियर की चर्चा ज़ोरों पर है, जिससे रेलवे प्रशासन पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, तकनीकी खराबी या मानवीय भूल की भी जांच की जा रही है।
🗣️ रेलवे का आधिकारिक बयान
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे द्वारा जारी बयान में कहा गया है –
“मंगलवार शाम लगभग 4 बजे बिलासपुर स्टेशन के पास कोरबा मेमू ट्रेन का डिब्बा खड़ी मालगाड़ी से टकरा गया। घायलों के इलाज के लिए सभी संसाधन उपलब्ध करा दिए गए हैं और रेस्क्यू अभियान जारी है।”
हालांकि, बयान में हादसे के कारणों को लेकर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है।
☎️ रेलवे ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
दुर्घटना के बाद यात्रियों एवं उनके परिजनों की सुविधा के लिए रेलवे ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं –
- बिलासपुर: 7777857335, 7869953330
- चांपा: 8085956528
- रायगढ़: 9752485600
- पेंड्रा रोड: 8294730162
- कोरबा: 7869953330
रेल प्रशासन ने कहा है कि वह यात्रियों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तत्पर है।
⚡ लोगों में आक्रोश, सवालों के घेरे में रेलवे
हादसे के बाद लोगों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है। सैकड़ों लोग घटना स्थल पर जुट गए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यदि रेलवे सिग्नलिंग सिस्टम और निगरानी पर ध्यान देता तो ऐसी दुर्घटना को टाला जा सकता था।
🚑 प्रशासन की तत्परता
घायलों को एंबुलेंस से बिलासपुर और आसपास के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। अस्पतालों में इमरजेंसी व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को तत्काल सहायता राशि देने की बात कही है।
फिलहाल रेस्क्यू अभियान जारी है, और हादसे के कारणों की जांच के लिए उच्च स्तरीय समिति गठित किए जाने की संभावना है। प्रशासन ने मृतकों की संख्या में बढ़ोतरी की आशंका जताई है।
यह भीषण रेल हादसा एक बार फिर से रेल सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।




