बिलासपुर।
दिनांक 04 नवम्बर 2025 को बिलासपुर स्टेशन के समीप हुई मालगाड़ी और मेमू लोकल ट्रेन की भीषण टक्कर में 12 यात्रियों की मौत और 18 से अधिक लोग घायल हो गए थे। इस दर्दनाक हादसे ने न केवल शहर बल्कि पूरे देश को झकझोर दिया था। हादसे की जांच अब अपने महत्वपूर्ण चरण में है, लेकिन इस बीच प्रशासन और मीडिया के बीच सूचनाओं को लेकर नया विवाद सामने आ गया है।
दरअसल, कुछ मीडिया संस्थानों द्वारा यह खबर चलाई गई कि हादसे के लिए जिम्मेदार लोको पायलट के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस रिपोर्ट के सामने आते ही रेलवे कर्मचारियों के बीच नाराजगी फैल गई, वहीं सोशल मीडिया पर भी तरह-तरह की चर्चाएँ होने लगीं।
इस पूरे मामले पर बिलासपुर के एसएसपी रजनेश सिंह ने स्पष्ट बयान जारी करते हुए इन खबरों को भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा,
“कुछ समाचार पत्रों में यह प्रकाशित किया गया है कि लोको पायलट के ख़िलाफ़ विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है। यह बिल्कुल गलत है। एफआईआर अज्ञात आरोपी के खिलाफ दर्ज की गई है, न कि किसी लोको पायलट के नाम से।”
एसएसपी ने आगे कहा कि जांच की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष तरीके से की जा रही है और किसी व्यक्ति विशेष को दोषी ठहराने से पहले तथ्यों और तकनीकी रिपोर्टों का अध्ययन आवश्यक है।
रेल प्रशासन की ओर से भी पहले यह स्पष्ट किया गया था कि ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम पूरी तरह सुरक्षित है और प्रारंभिक जांच में तकनीकी या मानवीय त्रुटि के पहलुओं पर गहराई से जांच जारी है।
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि हादसे की वास्तविक वजह जानने के लिए रेलवे सेफ्टी कमिश्नर (CRS) की टीम मौके से सभी तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर रही है। जब तक जांच पूरी नहीं होती, किसी भी व्यक्ति पर सीधा आरोप लगाना जल्दबाज़ी होगी।
इस बीच, रेल यात्रियों और मृतकों के परिजनों ने प्रशासन से पारदर्शी जांच की मांग की है ताकि असली जिम्मेदारों तक कार्रवाई पहुंच सके।


