बिलासपुर। 4 नवम्बर को बिलासपुर स्टेशन के समीप हुई भीषण रेल दुर्घटना को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार और रेलवे प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में पार्टी नेताओं ने कहा कि रेलवे ने “सुरक्षा कवच” (कवच सिस्टम) के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च किए, लेकिन देश के सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले बिलासपुर ज़ोन में यह तकनीक अब तक लागू नहीं की गई। आप नेताओं ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के इस्तीफे की मांग करते हुए मृत लोको पायलट विद्यासागर को “शहीद का दर्जा” देने की मांग की।

“रेल सुरक्षा कवच सिर्फ कागज़ों में, जनता के पैसों की बर्बादी” — प्रियंका शुक्ला
आप की प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंका शुक्ला ने कहा कि बिलासपुर ज़ोन रेलवे की आय में अग्रणी है, फिर भी यहां सुरक्षा कवच लागू नहीं किया गया। उन्होंने कहा,
“बालासोर से लेकर कई रेल हादसों के बाद भी मंत्री सिर्फ सुरक्षा कवच की बातें करते रहे, लेकिन ज़मीन पर कुछ नहीं हुआ। यह सुरक्षा कवच जनता को गुमराह करने और पैसे की बर्बादी का जरिया बन गया है। सरकार सुरक्षा के नाम पर जनता को मूर्ख बना रही है।”
उन्होंने मुआवजे की राशि पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब एक सामान्य दुर्घटना में अदालतें मृतक की उम्र, आमदनी और भविष्य की आय को देखते हुए 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक मुआवजा तय करती हैं, तो राष्ट्रीय आपदा जैसी रेल दुर्घटना में सिर्फ 5 से 10 लाख रुपये का मुआवजा क्यों?
“केंद्र सरकार मौन क्यों? मंत्री और अधिकारी जवाब दें” — संतोष बंजारे
जिला उपाध्यक्ष संतोष बंजारे ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“रेलवे केंद्र के अधीन है, लेकिन आज तक न प्रधानमंत्री मोदी और न ही रेल मंत्री वैष्णव का कोई बयान आया। क्या यह संवेदनहीनता नहीं है?”
उन्होंने कहा कि जिन बच्चों ने इस दुर्घटना में अपने माता-पिता को खो दिया, उनके भविष्य का जिम्मा कौन लेगा?
“क्या 10 या 20 लाख रुपये से किसी बच्चे का भविष्य सुरक्षित हो सकता है? सरकार के पास न पुनर्वास योजना है, न दीर्घकालिक राहत का कोई खाका।”
“शहीद को दोषी ठहराना शर्मनाक है”
आप नेताओं ने रेलवे प्रशासन द्वारा मृत लोको पायलट विद्यासागर को दोषी ठहराने पर कड़ी आपत्ति जताई। प्रियंका शुक्ला ने कहा,
“जो व्यक्ति देश सेवा करते हुए अपने प्राण न्योछावर कर गया, उसे दोषी ठहराना बेहद निंदनीय है। यह बड़े अधिकारियों और मंत्री को बचाने की साजिश है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर रेलवे के टेक्निकल और सिग्नल स्टाफ की कोई जिम्मेदारी क्यों नहीं तय की गई? यह चूक आखिर कैसे हुई?
“तीसरे दिन पहुंचे नेता, फोटो खिंचवाने की राजनीति”
आप नेताओं ने राजनीतिक दलों पर संवेदनहीन रवैये का भी आरोप लगाया।
“दुर्घटना के दिन जब पीड़ित परिवार सहायता के लिए तड़प रहे थे, तब कोई बड़ा नेता मौके पर नहीं था। तीसरे दिन जब कैमरे पहुंचे, तब दिखावे के लिए नेता फोटो खिंचवाने आ गए।”
आप की प्रमुख मांगें
- रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव तत्काल इस्तीफा दें।
- बिलासपुर ज़ोन में सुरक्षा कवच प्रणाली (Kavach System) तत्काल लागू की जाए।
- मृत लोको पायलट विद्यासागर को “शहीद” का दर्जा दिया जाए।
- मृतकों के परिजनों को 1-1 करोड़ रुपये और सरकारी नौकरी दी जाए।
- घायलों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
- अनाथ बच्चों की शिक्षा और भरण-पोषण की स्थायी सरकारी व्यवस्था की जाए।
आप नेताओं ने कहा कि पार्टी पीड़ित परिवारों के साथ खड़ी है और उनके न्याय के लिए सड़क से लेकर न्यायालय तक संघर्ष करेगी।
प्रेस वार्ता में प्रदेश उपाध्यक्ष प्रियंका शुक्ला, जिला उपाध्यक्ष संतोष बंजारे, इरफान सिद्दीकी, नूरुल हुदा और विवेक यादव उपस्थित रहे।


