बिलासपुर। छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) परीक्षा 2024 के नतीजों ने दिल्ली IAS एकेडमी बिलासपुर को राज्य की अग्रणी संस्थाओं की पंक्ति में खड़ा कर दिया है। कुल 246 पदों में से रिकॉर्ड 153 चयन इसी संस्थान से हुए—यह किसी भी एकेडमी का अब तक का सबसे बड़ा उपलब्धि है। इस सफलता को और ऊँचाइयाँ देता है प्रदेश टॉपर देवेश प्रसाद साहू का चयन, जो संस्थान के नियमित क्लासरूम प्रोग्राम के विद्यार्थी रहे हैं।
संस्थान ने चयन सूची में पारदर्शिता बरतते हुए बताया कि कुल 153 चयन में से 85 छात्र ऑफलाइन क्लासरूम प्रोग्राम से रहे हैं, जिन्होंने पिछले तीन बैचों में अध्ययन किया।
बाकी चयन टेस्ट-सीरीज़ और इंटरव्यू प्रोग्राम से जुड़े अभ्यर्थियों के हैं।
संस्थान के संस्थापक सौरभ चतुर्वेदी ने बताया कि इस वर्ष टॉप-10 रैंक में संस्थान के 7 विद्यार्थी शामिल हुए हैं।
- डिप्टी कलेक्टर के 7 में से 6 चयन
- DSP के 21 में से 13 चयन
इन पदों पर संस्थान की मजबूत पकड़ को दर्शाते हैं।
चतुर्वेदी ने कहा कि यह प्रदर्शन विद्यार्थियों की मेहनत और संस्था की शोध-आधारित शिक्षण पद्धति का परिणाम है।
रायपुर निदेशक स्वतंत्र राजपूत ने बताया कि 2021 से शुरू की गई ‘एकलव्य स्कॉलरशिप’ के जरिए हर साल 20 छात्रों को निःशुल्क प्रवेश, और 80 छात्रों को 40% से 100% तक फीस छूट दी जाती है।
अब तक 500 से अधिक छात्र इसका लाभ ले चुके हैं। इनमें—
- 2 डिप्टी कलेक्टर
- 5 राज्य प्रशासनिक सेवा
- 2 व्यापम परीक्षाओं में चयनित हुए हैं।
इस बार शासन की राजीव युवा उत्थान योजना के दो छात्र भी सफल हुए हैं। 
ऐतिहासिक परिणामों के उपलक्ष्य में आयोजित भव्य समारोह में हजारों विद्यार्थियों ने चयनित अभ्यर्थियों का पुष्पवर्षा और तालियों से स्वागत किया।
प्रदेश टॉपर देवेश प्रसाद साहू सहित कई चयनित अधिकारी मंच पर उपस्थित रहे और उन्होंने तैयारी के अनुभव साझा किए।
देवेश ने कहा—
“लंबी तैयारी में पढ़ाई जितनी जरूरी है, उतना ही शारीरिक और मानसिक संतुलन भी। संतुलन रहेगा तो निरंतर मेहनत संभव है।”
चयनित विद्यार्थियों ने टेस्ट-सीरीज़, समय-प्रबंधन और सही रणनीति को सफलता का मूल मंत्र बताया। कई अभ्यर्थियों ने दिल्ली IAS को “संस्थान नहीं, परिवार” बताया।
मुख्य निदेशक विद्या चतुर्वेदी ने बताया कि संस्थान विद्यार्थियों के मानसिक, बौद्धिक और रचनात्मक विकास पर भी कार्य कर रहा है।
इसके लिए ‘वॉल ऑफ क्रिएटिविटी’ बनाई गई है, जहाँ छात्र लेखन और चित्रकला के माध्यम से हर माह अपनी योग्यता प्रदर्शित करते हैं।
जल्द ही प्री और मेन्स के लिए एक विशेष मेंटरशिप प्रोग्राम शुरू किया जाएगा, जिसमें विद्यार्थियों को प्रतिदिन 6–8 घंटे संस्थान में अभ्यास कराया जाएगा।
कार्यकारी निदेशक ई. नवनीत सिंह राठौर ने कहा कि PSC जैसी निर्णायक परीक्षा बिना मार्गदर्शन शुरू करना जोखिम भरा है।
दिल्ली IAS एकेडमी नियमित रूप से विषयों पर शोध और विश्लेषण करती है, जो बेहतर परिणाम देने का मुख्य कारण है।
संस्थापक का संदेश—
अंत में संस्थापक सौरभ चतुर्वेदी ने कहा—
“यह उपलब्धि टीमवर्क, सही दिशा और विद्यार्थियों की अथक मेहनत का परिणाम है। आने वाले वर्षों में और अधिक युवाओं को शीर्ष श्रेणी में पहुँचाना हमारा लक्ष्य है, ताकि छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान और मजबूत कर सके।”


