देश में अभी ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात चल ही रही है कि इस बीच मोदी सरकार ने ‘एक देश, एक राशन कार्ड’ लाने की तैयारी शुरू कर दी है. उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने बताया है कि सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है.
राशन कार्ड की पोर्टेबिलिटी
पासवान ने कहा कि राशन कार्डों की देश भर में पोर्टेबिलिटी की सुविधा शुरू की जाएगी जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि सभी लाभार्थियों खासकर प्रवासी लोगों को देश में कहीं भी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का राशन मिल सके.
केंद्रीय मंत्री पासवान ने गुरुवार को राज्यों के खाद्य सचिवों और सरकारी अधिकारियों की एक बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही. ऑल इंडिया रेडिया के मुताबिक उन्होंने कहा कि पीडीएस के इंटीग्रेटेड मैनेजमेंट के तहत राशन कार्डों की एक सेंट्रल रिपॉजिटरी (केंद्रीय संग्रह केंद्र) बनाई जाएगी, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर दोहरीकरण से बचा जा सके.
इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपभोक्ता मामले और खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के राज्य मंत्री दानवे रावसाहब दादाराव ने राज्यों से आग्रह किया कि वे राशन कार्डों के डिजिटाजेशन पर काम करें.
कैसे काम करेगी नई व्यवस्था
इस नई व्यवस्था के बूते आप देशभर में एक ही राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकेंगे. यही नहीं, इसके बूते फर्जी राशनकार्ड बनाने वालों पर भी नकेल कसी जाएगी. दरअसल, सरकार की तैयारी है कि आधार कार्ड की तर्ज पर हर एक राशन कार्ड को एक विशिष्ट (यूनिक) पहचान नंबर दिया जाएगा. इससे फर्जी राशन कार्ड बनाना काफी मुश्किल हो जाएगा.
इसके साथ ही सरकार ऐसी व्यवस्था करेगी, जिसमें एक ऑनलाइन एकीकृत (इंटेग्रेटेड) सिस्टम बनाया जाएगा. इस सिस्टम में राशन कार्ड का डेटा स्टोर होगा.
इसके बन जाने के बाद अगर देश में कहीं भी कोई अगर फर्जी राशन कार्ड बनवाने की कोशिश करेगा, तो इस सिस्टम के जरिये से पता चल जाएगा. इसके बाद अगर कोई नया राशन कार्ड बनवाने जाता है, तो वह ऐसा कर नहीं पाएगा.
इस ऑनलाइन सिस्टम का एक बड़ा फायदा यह भी होगा कि कोई भी लाभार्थी देश के किसी हिस्से में और किसी भी राशन की दुकान पर सब्सिडी वाला अनाज ले सकेंगे. एक बार यह ऑनलाइन नेटवर्क तैयार हो गया, तो दूसरे राज्यों में नौकरी के सिलसिले में गए लोगों को कहीं से भी राशन लेने की सुविधा मिल जाएगी. इससे काफी बड़े स्तर पर लोगों को फायदा मिलेगा.