डिजिटल लेनदेन के साथ धोखाधड़ी भी तेजी से बढ़ रही है। हैकर अब आयकर विभाग के नाम रिफंड का फर्जी मेल भेजकर करदाताओं के खाते से रकम गायब कर रहे हैं। ऐसे में आंखमूंदकर एसएमएस या ईमेल का जवाब देना आपकी परेशानी का सबब बन सकता है। किसी भी ईमेल पर अकाउंट नंबर, पैन और अन्य गोपनीय जानकारी कतई न दें। आमतौर पर रिटर्न भरने और रिफंड प्रोसेस का एसएमएस भेजा जाता है। लेकिन हैकर एसएमएस में भी लिंक भेजकर जानकारी मांगते हैं।
1. वेबसाइट से पुष्टि जरूर करें जब भी आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in या www.incometaxindiaefiling.gov.in खोलते हैं तो सबसे पहले फर्जी ईमेल से सावधान करने की सूचना दिखाई देती है। आयकर विभाग से मिलती जुलती-वेबसाइट के जरिये यदि कोई ईमेल या एसएमएस रिफंड देने के लिए आता है तो सावधान हो जाइए। इस तरह के ईमेल में उपभोक्ता से उसके पैन, आधार नंबर, खाता संख्या, मोबाइल नंबर और जन्म तिथि के साथ यूजर आईडी और पासवर्ड मांगी जाती है। जैसे ही ईमेल पर इसकी जानकारी देते हैं धोखाधड़ी करने वाले इन सूचनाओं का इस्तेमाल कर खाते से राशि गायब कर सकते हैं।
2. संदेह हो तो विभाग से करें शिकायत किसी ईमेल पर शक है की वह फर्जी हो सकता है तो उसकी शिकायत आयकर विभाग से कर सकते हैं। इसके लिए उस वेबसाइट का यूआरएल और ईमेल विभाग को phishing@incometax.gov.in पर मेल कर सकते हैं। ईमेल का एक प्रिंट भी अपने पास सबूत के तौर पर रख लें।
3. ईमेल पर जानकारी मांगना खतरे की घंटी आयकर विभाग की ओर से जो ईमेल या एसएमएस आते हैं वह कंप्यूटर निर्देशित (ऑटो जनरेटेड) होते हैं। उसमें उपभोक्ता को जवाब देने की जरूरत और विकल्प भी नहीं होता है। ऐसे ईमेल का जवाब देने या ईमेल के लिंक पर क्लिक करने से परहेज करें। साथ ही उसके साथ कोई फाइल है तो उसे भी खोलने से बचें।