कई लोग जोड़ों में दर्द उठा नहीं कि पेनकिलर खा लेते हैं? अगर आप भी ऐसा करते हैं तो संभल जाइए। दर्द निवारक दवाओं का अंधाधुंध सेवन हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत का खतरा 50 फीसदी तक बढ़ा देता है। ‘ब्रिटिश मेडिकल जर्नल’ में बुधवार को प्रकाशित एक अध्ययन में यह चेतावनी दी गई है।
डेनमार्क स्थित आरहुस यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के शोधकर्ताओं ने 63 लाख लोगों पर पैरासिटामॉल, आइबुब्रूफेन और डाइक्लोफेनैक सहित अन्य दर्द निवारक दवाओं के दुष्प्रभाव आंके। उन्होंने पाया कि स्टेरॉयड रहित ये दवाएं शरीर से पानी और सोडियम निकालने की किडनी की रफ्तार धीमी कर देती हैं। इससे रक्त प्रवाह तेज हो जाता है। साथ ही अंगों को खून पहुंचाने में ज्यादा दबाव पड़ने के कारण धमनियों के फटने और व्यक्ति के हार्ट अटैक व स्ट्रोक का शिकार होने का खतरा रहता है।
अध्ययन में यह भी देखा गया कि दर्द निवारक दवाएं ब्लड प्रेशर घटाने में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को बेअसर बनाती हैं। मुख्य शोधकर्ता मॉर्टन शिमित के मुताबिक दर्द निवारक दवाएं दिल की धड़कन को अनियंत्रित करती हैं। इससे व्यक्ति को बेचैनी, घबराहट, सीने में दर्द और पसीना आने की शिकायत हो सकती है। उन्होंने सभी देशों की सरकारों से ऐसा सख्त कानून बनाने की मांग की, जिसके तहत बिना डॉक्टर के पर्चे के दवा की दुकानों पर पेनकिलर की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध हो।
ज्यादा उपयोग से होने वाले खतरे और राहत पाने के उपाय –
पैरासिटामॉल, आइब्रूफेन और डाइक्लोफेनैक से लैस दवाएं किडनी की क्रिया प्रभावित करती हैं।
शरीर में पानी-सोडियम का स्तर बढ़ने से रक्त प्रवाह तेज होता है, नस फंटने की रहती है आशंका।
रक्तदाब घटाने में इस्तेमाल होने वाली विभिन्न दवाओं को भी बेअसर बनाती हैं दर्द निवारक गोलियां।
दर्द से राहत दिलाएंगी ये चीजें –
हल्दी : फ्री-रैडिकल्स को नष्ट करने वाले ‘करक्युमिन’ की मौजूदगी दर्द का एहसास घटाने में कारगर।
लौंग : ‘इयुगेनॉल’ नाम के प्राकृतिक दर्द निवारक यौगिक से लैस। दांत के दर्द में सबसे ज्यादा असरदार।
अदरक : दर्द का सिग्नल दिमाग तक पहुंचाने वाले दो एंजाइम की क्रिया बाधित करने वाले यौगिक पाए जाते हैं।
बादाम : ओमेगा-3 फैटी एसिड मांसपेंशियों में दर्द, सूजन, खिंचाव का सबब बनने वाले रसायनों को निष्क्रिय करता है।
बर्फ/गर्म पानी की सिंकाई : नसों में खून का प्रवाह सुचारु बनाकर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द कम करती है।