आईआईटी रुड़की के सिविल विभाग ने सीसीटीवी कैमरे से जुड़ी एक ऐसी तकनीक ईजाद की है जो देश के साथ साथ घरों की सुरक्षा के काम आएगी। आईआईटी ने इस ‘स्मार्ट आई तकनीक’ का पेटेंट भी करा लिया है। सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमल जैन का कहना है कि उन्होंने देश सीमा पर इस तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा है।
प्रो. जैन का कहना है कि घरों, दफ्तरों और अन्य प्रतिष्ठानों में सुरक्षा के लिए लगाए जाने वाले सीसीटीवी कैमरे में कई कमियां होती हैं। सीसीटीवी का डाटा भी सुरक्षित नहीं रहता है और कई बार शातिर अपराधी खुद को बचाने के लिए इसके सारे उपकरण तोड़ देते हैं या हार्ड डिस्क निकालकर ले जाते हैं। इस समस्या को दूर करने के लिए आईआईटी ने यह सीसीटीवी मोबाइल एप्लिकेशन विकसित की है।
कैसे काम करती है यह तकनीक
प्रो. जैन ने बताया कि इस तकनीक के जरिए सीसीटीवी कैमरे को इंटेलिजेंस कैमरे के रूप में तब्दील किया गया है। इस तकनीक से जुड़ा सीसीटीवी कैमरा जहां लगा होगा, वहां की तस्वीर खींच कर तुरंत एमएमएस और ईमेल से उस मोबाइल तक पहुंचा देगा, जो इस कैमरे से जुड़े होंगे। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी कैमरे में यह स्मार्ट आई तकनीक इंस्टाल की जा सकेगी। इसे एक ही बार ईमेल और मोबाइल से जोड़ा जाएगा।
पंद्रह हजार आएगा खर्च
अगर आपने घर में सीसीटीवी कैमरा लगाया है तो पंद्रह हजार रुपए खर्च कर आप अपने सीसीटीवी को इस तकनीक से लैस कर सकते हैं। प्रो. जैन ने बताया कि इस तकनीक को पेटेंट करा लिया गया है। आईआईटी में आम लोगों के लिए यह तकनीक उपलब्ध है।