बिलासपुर। चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द होने से परेशान छात्रों के हित में हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। अध्ययनरत मेडिकल छात्रों को अन्य मेडिकल कॉलेज में री-लोकेट करने का आदेश दिया है। सभी छात्रों को अलग-अलग कॉलेज में भेजे जाएंगे। बता दें चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की मान्यता रद्द होने के बाद कई छात्र काफी परेशान है। छात्रों ने प्रदर्शन और रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा था।
बता दें दो साल जीरो ईयर के कारण कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी गई है। चंदूलाल चन्द्राकर मेडिकल कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के एमबीबीएस करने की मान्यता दी गई थी, लेकिन 150 स्टूडेंट्स के आधार पर कॉलेज के संसाधन की अगर बात करें तो एमसीआई के नॉर्म्स के अनुसार कालेज में 130 फैकल्टी डॉक्टर, 6 फंडामेंटल लैब्स, लाइब्रेरी जरूरी इक्यूपमेंट्स और 750 बिस्तरों का अस्पताल विशेषज्ञ डॉक्टरो सहित होने चाहिए, लेकिन सीसीएम मेडिकल कॉलेज में 18 फैकल्टी ही हैं न कोई फण्डामेंटल लैब है और न ही लाइब्रेरी। अस्पताल आज वीरान है। डॉक्टरों को चार माह का वेतन नहीं मिलने से सभी ने रिजाइन कर दिया है। इस हाल में अब स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई करें तो कैसे।
मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के पालकों ने राज्य सरकार से गुहार लगाई थी कि उनके बच्चों को दूसरे कॉलेज में मर्ज कर दिया जाए। इस मामले को लेकर स्टूडेंट ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से भी मुलाकात की थी। स्टूडेंट्स की मानें तो कॉलेज की मान्यता एमसीआई की रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट में भी याचिका दायर की थी। इसी याचिका पर अब हाई कोर्ट ने फैसला दिया है।