Friday, November 22, 2024
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22 साल पहले शरीर मे लगी गोली, बिना निकाले अभी एएसआई यातायात थाने में दे रहे सेवा

Exclusive:-बिलासपुर। सहायक उप निरीक्षक को 22 साल पहले लगी थी गोली जिसे शरीर से बिना निकलवाये आज तक दे रहे है यातायात थाना में अपनी सेवाएं। बिल्हा थाना क्षेत्र में सायकल से साथी के साथ गश्त करने के दौरान बड़ी डकैती की घटना के अंदेशो को विफल करते समय बदमाशो ने गोली मारी थी जो आज भी उनके रीढ़ की हड्डियों में फसी हुई है।

ज्ञात हो कि वर्ष 1996 में बिल्हा थाने में पदस्थ रहे आरक्षक रतिराम यादव को रात्रि गश्त के दौरान डकैतों ने गोली मारी थी जिसे आज तक नही निकाला गया है। 1981 में पुलिस विभाग में आरक्षक के पद में नियुक्त हुए श्री यादव जब बिल्हा बस्ती क्षेत्र में आरक्षक साथी महेत्तर खूंटे के साथ सायकल में रात्रि गश्त में निकले हुए थे तब बस्ती की एक महिला ने उन्हें सूचना दी कि बस्ती में 5 से 7 ऐसे लोगो को देखा गया है जो यहाँ के नही है जिनकी तलाश में दोनों आरक्षक सीटी बजाते और टॉर्च से देखते हुए संदेहियों की तलाश कर रहे थे कि अचानक आरक्षक श्री यादव को टॉर्च की रोशनी में बस्ती के दो घरों के बीच के गलियारे में छुपे हुए बदमाशो पर नज़र पड़ी जिसके बाद उन्होंने ने छुपे हुए लोगो को गली से निकलकर सामने आने को कहा जिसके बाद एक बदमाश रिवाल्वर लेकर बाहर आया और आरक्षक श्री यादव के ऊपर तान दिया जहाँ आरक्षक रतिराम ने उसे डंडे से मार कर नीचे गिरा दिया इसी बीच उस बदमाश ने दुबारा रिवाल्वर ताना तो आरक्षक रतिराम ने उसे ज़मीन पर गिराकर दबोच लिया और आस पड़ोस को मदद के लिए आवाज़ लगाई। आवाज़ सुनकर साथी आरक्षक मदद के लिए दौड़ा और बस्ती वाले भी निकलने वाले ही थे के बदमाश के अन्य साथियों में से एक ने अपना रिवाल्वर निकालकर आरक्षक रतिराम यादव के पेट और पीट के बीच गोली चला दी जिससे आरक्षक बुरी तरह घायल हो गए गोली की आवाज़ सुनकर बगल के बिल्डिंग की छत से स्थानीय निवासी राकेश बग्गा द्वारा जोर जोर से पुलिस की मद्दत करने आवाज़ लगाई तो बदमाशो ने उन्हें भी गोली का शिकार बनाया और हादसे में उनकी एक आंख खोनी पड़ी तथा साथी आरक्षक मदद के लिए पहुंच पाता उस से पहले ही बदमाशो ने मौका देख भाग निकले। जिसके बाद घायल आरक्षक रतिराम को तुरन्त बस्तीवालों की सहायता से धर्म अस्पताल जिसे वर्तमान में सिम्स के नाम से जाना जाता है उपचार के लिए लाया गया जहाँ प्राथमिक उपचार के बाद हालत बिगड़ते देख तत्काल भिलाई सेक्टर 9 रिफर किया गया जहाँ 1महीना 15 दिनों तक उनका उपचार होना बताया और इसी बीच वरिष्ठ चिकित्सको ने जान का खतरा अन्य दिक्कतों का हवाला देकर शरीर के अंदर फंसी गोली नही निकलने की सलाह देते हुए शरीर मे ही रहने दिया जो आज तक उपनिरीक्षक रतिराम यादव के शरीर मे मौजूद है। जिसके बावजूद आज यातायात थाने में उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ रतिराम यादव शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने अपनी सेवाएं दे रहे है।

कर्तव्य के प्रति हमेशा तत्पर रहूंगा

ताज़ख़बर36गढ़ से खास बातचीत में उपनिरीक्षक रतिराम यादव ने बताया कि गोली लगने के बावजूद वह अपने कर्तव्य के प्रति हमेशा ईमानदार रहे है जीवन में आनेवाली सभी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाउंगा तथा विभाग एवं उच्चाधिकारियों के निर्देशों का पालन करने हमेशा तत्पर रहूंगा। यही नही देशभक्ति के जज़्बे से ओतप्रोत उनका एकमात्र पुत्र भारतीय वायु सेना में देश हित मे सेवाएं दे रहा है।

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