कोरोना संकट को देखते हुए घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) को ही ज्यादातर कंपनियां अब सामान्य मानने लगी हैं। इसी के अनुसार वह नई नियुक्तियों के लिए रणनीति में भी बदलाव कर रही हैं। लॉकडाउन में ढील के बाद बैंक, मीडिया, ई-कॉमर्स, आईटी, टेक समेत दूसरी क्षेत्र में काम करने वाल कंपिनयों ने नई नियुक्तियां शुरू की हैं लेकिन उसमें से ज्यादातर वर्क फ्रॉम होम के लिए हैं। मानव संसाधन विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना ने रोजगार बाजार में बड़ा बदलाव ला दिया है। इस बदलाव के मुताबिक, नौकरीपेशा वर्ग को अपने कौशल में बदलाव करना होगा।
एक्सिस बैंक ने 1000 नई नौकरियां निकाली
एक्सिस बैंक ने अगले एक साल में 1000 लोगों को रोजगार देने के लिए ‘गिग-अ-ऑपरच्यूनिटीज’ पहल की शुरुआत की है। इस मॉडल के तहत कोई भी प्रतिभावान उम्मीदवार देश के किसी भी हिस्से से बैंक के साथ काम कर सकता है। बैंक इस वर्क फ्रॉम होम के लिए देश भर के युवाओं, अनुभवी मध्यम स्तर के पेशेवरों और महिलाओं सहित अच्छी प्रतिभाओं की तलाश करेगा। इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक भी कहीं से काम करने की शुरुआत कर चुका है। अमेजन, फेसबुक, गूगल समेत कई कंपनियां पहले ही अगले साल तक वर्क फ्रॉम होम बढ़ा चुकी है। मीडिया, ई-कॉमर्स, आईटी और टेक कंपिनयों में भी नई नियुक्तियां ऑफिस के लिए न होकर घर के लिए हो रही हैं।
कंपनियां दे रहीं हैं कई तरह की रियायातें
वर्क फ्रॉम होम कल्चर के फायदे को देखते हुए कंपनियों ने इसे आगे भी जारी रखने का मन बना लिया है। इसके लिए कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को जरूरी फर्नीचर, इंटरनेट और अन्य जरूरी उत्पादों के लिए एक मुश्त रकम मुहैया करा रही हैं। एप भुगतान कंपनी रेजर पे कर्मचारियों को एसी के लिए भी हर माह अलग से भत्ता दे रही है। हाइक इस साल के अंत तक अपने कर्मचारियों को ‘घर से काम करने की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रति कर्मचारी 40 हजार रुपये खर्च करेगी। गूगल और फेसबुक ने इसकी शुरुआत करते हुए कर्मचारियों को 75 हजार रुपये (एक हजार डॉलर) फर्नीचर के लिए दिया था।
बदलते परिवेश में नया हुनर सीखें
मानव संसाधन विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना ने बड़ा बदलाव ला दिया है। आने वाले समय में बड़े व्यापक स्तर पर इसका असर रोजगार बाजार पर देखने को मिलेगा। ऐसे में कर्मचारियों को अपने काम को असरदायक बनाने पर काम करना होगा। इसके साथ ही नया हुनर सीख कर बड़ी जिम्मेदारियां के लिए तैयार करना होगा। वर्क फ्रॉम होम के दौरान मिले समय का नई योग्यता हासिल करने में भी इस्तेमाल करना चाहिए। वहीं, पहली दफा रोजगार बाजार में नौकरी ढूढ़ने वाले को कोरोना से हुए बदलाव को ध्यान में रखकर अपने कौशल को बाजार की मांग के अनुरूप ढालना होगा।
काम के बीच संतुलन बना रहीं कंपनियां
कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम में काम करते हुए चार महीने से ज्यादा समय हो चुका है। इस दौरान कर्मचारियों में तनाव, अनिद्रा, बेचैनी की समस्या बढ़ी है। इसको दूर करने के लिए कंपनियां अब आगे आ रही हैं। कंपनियां अब अपने कर्मचारियों के लिएसभी सुविधाएं जुटाने, लंच का समय तय करने, छुटि्टया देने और बहुत जल्दी मीटिंग नहीं करने जैसे पहल पर विचार कर रही हैं।