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30 साल तक चला केस, आखिर में पता चला काल्पनिक है केस करने वाली महिला!

30 साल तक चला केस, आखिर में पता चला काल्पनिक है केस करने वाली महिला!

निचली अदालत से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक एक केस तीस साल तक चला और आखिरी में पता चला कि केस करने वाली महिला काल्पनिक है। ये हैरान करने वाला मामला सामने आया है बेंगलुरू में, जहां 30 साल पहले बेंगलुरू की निचली अदालत में जमीन के मामले को लेकर केस दर्ज किया गया था। जमीन को लेकर एक एजुकेशन सोसाइटी और लक्ष्मी नाम की महिला के बीच विवाद था।

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इस मामले को लेकर निचली अदालत में केस दर्ज किया गया। लक्ष्मी हर केस जीतती रही और साल 2006 में सुप्रीम कोर्ट ने भी लक्ष्मी नाम की महिला के पक्ष में ही फैसला दिया। लेकिन जब सोसाइटी की अपील को लेकर दोबारा सुनवाई हुई तो खुलासा हुआ कि लक्ष्मी नाम की महिला है ही नहीं।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने लक्ष्मी के अस्तित्व पर खुलासा करते हुए बेंगलुरू की सेंट एनी एजुकेशन सोसाइटी के पक्ष में फैसला सुना दिया। इस केस पर टिप्पणी करते हुए जस्टिस लोकुर ने कहा कि साल 1989 ले 1997 तक लक्ष्मी की पैरवी उसके पावर ऑफ अटॉर्नी बी श्रीरामुलु करते रहे। 1997 के बाद कोई नहीं आया। बता दें, साल 1989 में पहली बार निचली अदालत में केस दायर किया गया था। उस वक्त महिला की उम्र 67 साल बताई की थी। अब महिला की उम्र 96 साल हो गई होगी।

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कोर्ट ने कहा, ‘पता नहीं महिला जिंदा भी या नहीं। हमें तो लक्ष्मी नाम की महिला काल्पनिक किरदार लगती है।’ साल 2009 में बैंगलुरू पुलिस ने भी महिला को ढ़ूढने का प्रयास किया, लेकिन वो नहीं मिली।

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