Advertisement
हाईकोर्ट

मोवा दूषित पानी मामला: चार बड़े अधिकारी हुए हाईकोर्ट में पेश, 4 जुलाई को शपथपत्र के साथ जवाब प्रस्तुत करने का आदेश

रायपुर मोवा के नहरपारा में दूषित पानी से हुए मौतों के मामले में हाईकोर्ट द्वारा तलब किये गए स्टेट और केंद्र के बड़े अधिकारी आज हाईकोर्ट में नेशनल हेल्थ मिशन,अमृत मिशन, स्वच्छ भारत अभियान और केंद्रीय आपदा प्रबंधन के उच्च अधिकारी उपस्थित हुए। आज हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन के डिवीजन बैंच में सुनवाई हुई। जिसमे हाईकोर्ट ने केंद्रीय राजस्व एवं आपदा प्रबंधन के सचिव एन.के.खाखा के नेतृत्व में अधिकारियों कि टीम गठित कर 4 जुलाई को शपथपत्र में जवाब प्रस्तुत करने को कहा है।

रायपुर मोवा बस्ती के नहरपारा में दूषित पानी के कारण पीलिया का प्रकोप फैला था। जिससे कई मौत होने के बाद प्रशासनिक अमलो में हड़कम्प मच गया। इससे पहले भी दूषित पानी पीने से गर्भवती महिलाओं कि मौत हो चुकी है। जिनमे से एक मृत गर्भवती महिला बबिता देवांगन के पति मुकेश देवांगन ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था। कोर्ट ने मामले कि गंभीरता को देखते हुए कोर्ट कमिश्नरों कि नियुक्ति कर पानी कि रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। जिसमे कोर्ट कमिश्नरों ने पहले तो रायपुर और बिलासपुर का निरीक्षण किया और पानी के सेम्पल को जाँच के लिए भेजा। जाँच रिपोर्ट में पानी में ई-कोलाई नामक बैक्टीरिया का होना पाया। जोकि मानव स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है। इसके बाद अचानक रायपुर में पानी के दूषित होने से पीलिया का प्रकोप फैलने लगा और लोगों को मृत्यु होने लगी। कोर्ट कमिश्नरों ने रायपुर का निरीक्षण कर कोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए डे टू डे मामले कि सुनवाई के लिए रखा था। आज मामले में फिर सुनवाई हुई। जिसमे कोर्ट ने कमिटी गठित कर 4 जुलाई को शपथपत्र में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।

error: Content is protected !!