इस परीक्षा के स्तर को मैच न कर पाने के कारण छात्रों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ रही है। सरकार के कड़े रुख को देखते हुए आईआईटी प्रबंधन ने 21 जुलाई को काउंसिल की बैठक बुलाई है।
सरकार ने सभी आईआईटी को पत्र लिखकर कहा है कि वह जल्द से जल्द इस मुश्किल प्रतियोगी परीक्षा को सरल बनाए। जेईई एडवांस 2018 कितना कठिन था इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि परीक्षा में महज नौ फीसदी छात्र सफल रहे।
केंद्र ने छात्रों के भविष्य व एससी/एसटी सीटों को भरने के लिए पहली बार जेईई एडवांस ‘एक्सटेंडेड मेरिट लिस्ट’ निकलवायी। आईआईटी प्रबंधन सरकार के फैसले से बेशक नाराज है, लेकिन आईआईटी के पूर्व निदेशक व आईआईटियन सरकार के फैसले से खुश हैं।
छात्र निजी संस्थानों को देते हैं लाखों रुपये
सरकार का मानना है कि आईआईटी में प्रवेश पाने की लालसा रखने वाले छात्र फीस के तौर पर लाखों रुपये निजी कोचिंग संस्थानों को देते हैं। मुश्किल परीक्षा पास करने के लिए निजी कोचिंग सेंटर को बढ़ावा मिल रहा है।
सरकार का मानना है कि परीक्षा इतनी कठिन बना दी गयी है कि कोई छात्र स्वयं तैयारी करके पास नहीं हो पाता है।
शिक्षक ही तैयार करें एडवांस परीक्षा के प्रश्न पत्र
सरकार का यह निर्देश बिल्कुल सही है। अभी आईआईटी प्रवेश परीक्षा के प्रश्न पत्र विशेषज्ञ तैयार करते हैं, जबकि जेईई एडवांस के प्रश्न पत्र कक्षा के शिक्षक को तैयार करना चाहिए, ताकि उन्हें जानकारी हो कि पाठ्यक्रम में क्या पढ़ाया जाता है। इसके अलावा छात्रों के सुझाव भी मांगे जाने चाहिए। – प्रो. गौतम बोरा, आईआईटी के पूर्व निदेशक