Friday, October 18, 2024
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बिलासपुर जिले के 19 राइस मिलरों को कलेक्टर का नोटिस: कस्टम मिलिंग योजना के तहत चावल जमा करने में देरी पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी…

बिलासपुर, 18 अक्टूबर:

कस्टम मिलिंग योजना के तहत खरीफ विपणन वर्ष 2023-24 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान का उठाव जिले के राइस मिलरों द्वारा किया गया था। इसके अंतर्गत मिलरों को नागरिक आपूर्ति निगम में चावल जमा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। हालाँकि, जिले के कई मिलर इस निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने में विफल रहे हैं।

18 अक्टूबर 2024 को छत्तीसगढ़ शासन की अतिरिक्त मुख्य सचिव द्वारा चावल उपार्जन की समीक्षा की गई, जिसमें सभी मिलरों को अनुबंध के तहत 100% चावल जमा करने के निर्देश दिए गए। इस समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिले के 19 मिलर अब भी 10 लॉट से अधिक चावल जमा करने में विफल रहे हैं। इस स्थिति को देखते हुए, बिलासपुर के कलेक्टर अवनीश शरण ने उन मिलरों को नोटिस जारी करते हुए 31 अक्टूबर 2024 तक चावल जमा करने का निर्देश दिया है।

यदि ये मिलर इस अवधि के भीतर चावल जमा करने में विफल रहते हैं, तो उनके द्वारा शासकीय धान उठाव हेतु जमा की गई प्रतिभूति राशि (बैंक गारंटी) जब्त कर ली जाएगी, और वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

प्रमुख मिलर जिन्होंने चावल जमा नहीं किया है:
इन 19 मिलरों में शामिल हैं कन्हैया एग्रो उद्योग, श्री रानी सती फूड्स, मॉ कैलाशवन्ती एग्रो इण्डस्ट्रीज, सरस्वती एग्रो इण्डस्ट्रीज, अम्बिका इन्टरप्राइजेस, गोयल राइस मिल बिल्हा, मनोकामना एग्रोटेक प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स राधा रानी राइस मिल, मेसर्स राजमुनी एग्रो, महामाया राइस इण्डस्ट्रीज, गणपति एग्रो इण्डस्ट्रीज, आदित्य राइस प्रोडक्ट, राघव राइस प्रोडक्ट, मॉ राइस इण्डस्ट्रीज, श्री श्यामजी राइस इण्डस्ट्रीज मोहतराई, श्री श्यामजी एग्रो इण्डस्ट्रीज, किर्ति एग्रो मिल प्रा० लिमि०, बोल बम इण्डस्ट्रीज और महादेव एग्रो।

प्रशासन की सख्ती और कार्रवाई की तैयारी:
बिलासपुर प्रशासन इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि सभी मिलर निर्धारित समय के भीतर चावल जमा करें। चावल जमा न करने पर मिलरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है, जिसमें उनकी बैंक गारंटी को जब्त करने की भी संभावना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और समयसीमा का पालन अनिवार्य है।

इस कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि सरकार और प्रशासन कस्टम मिलिंग योजना के तहत निर्धारित लक्ष्यों की पूर्ति के प्रति सख्त है और समय पर अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने से नहीं हिचकिचाएंगे।

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