Tuesday, March 11, 2025
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बिलासपुर: आठ साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा (छोटू) की गिरफ्तारी, अदालत ने भेजा जेल…

बिलासपुर। कांग्रेस के प्रदेश सचिव सिद्धांशु मिश्रा को आठ साल पुराने जमीन धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहां जमानत अर्जी पर सुनवाई लंबित रखते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला सरकंडा थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, जिसमें पहले पुलिस ने जांच के बाद खारिजी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी थी।

प्रार्थी रजनीश साहू ने सिद्धांशु मिश्रा के खिलाफ जमीन की धोखाधड़ी की शिकायत की थी। पुलिस ने पहले इस पर कोई कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद मामला अदालत पहुंचा। अदालत के आदेश पर तहसीलदार घनाराम महिलांगे और पटवारी कमल किशोर कौशिक के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था। आरोप था कि इन अधिकारियों ने कुल 56 डिसमिल (0.223 हेक्टेयर) भूमि के टुकड़ों की गलत चौहदी बनाकर इसे बेचा, जिससे धोखाधड़ी हुई।

इस मामले में पुलिस ने धारा 167, 420, 465, 467, 468, 471, 120 (बी) भादवि एवं भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) डी, 13(2) के तहत अपराध दर्ज किया था। हालांकि, जांच के बाद वर्ष 2017 में पुलिस ने रिपोर्ट दाखिल कर दी थी कि इस मामले में सिद्धांशु मिश्रा या किसी अन्य अधिकारी की कोई संलिप्तता नहीं पाई गई है।

आठ साल बाद गिरफ्तारी क्यों?

हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले की दोबारा जांच की जाए। इसके बाद सरकंडा पुलिस ने सिद्धांशु मिश्रा को बयान दर्ज करने के लिए बुलाया और फिर हिरासत में ले लिया।

जब मिश्रा को अदालत में पेश किया गया, तो स्पेशल जज सुनील जायसवाल ने पुलिस से पूछा कि आठ साल बाद अचानक ऐसा क्या तथ्य सामने आया, जिससे गिरफ्तारी की जरूरत पड़ी? जब पुलिस ने खुद ही पहले खारिजी रिपोर्ट दे दी थी, तो अब दोबारा मामला क्यों खोला गया?

जमानत पर आज होगी सुनवाई

सिद्धांशु मिश्रा के वकीलों ने अदालत में जमानत आवेदन प्रस्तुत किया, जिस पर अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तारीख निर्धारित कर दी। तब तक के लिए कांग्रेस नेता को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

कांग्रेस की प्रतिक्रिया

इस मामले में सिद्धांशु मिश्रा की गिरफ्तारी के बाद कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और नेता अदालत पहुंच गए। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया और कहा कि जब इस मामले में पहले ही क्लीन चिट दी जा चुकी थी, तो अब इसे फिर से क्यों खोला गया?

पटवारी और तहसीलदार की तलाश जारी

हालांकि सिद्धांशु मिश्रा की गिरफ्तारी हो चुकी है, लेकिन पटवारी कमल किशोर कौशिक और तहसीलदार घनाराम महिलांगे की गिरफ्तारी अब तक नहीं हो पाई है। पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।

आठ साल पुराने मामले में कांग्रेस नेता सिद्धांशु मिश्रा की गिरफ्तारी कई सवाल खड़े कर रही है। क्या यह वाकई कोई नया सबूत मिलने के बाद हुआ, या फिर यह सिर्फ एक राजनीतिक साजिश है? अदालत में जमानत पर आज होने वाली सुनवाई के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।

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