बिलासपुर, 2 अगस्त 2025। शहर में एक व्यापारी द्वारा स्थानीय पार्षद और उसके सहयोगी पर जबरन वसूली और धमकी देने का सनसनीखेज आरोप लगाए जाने से हड़कंप मच गया है। इंदिरा बिहार निवासी अयोध्या यादव ने प्रेस क्लब पहुंचकर मीडिया के सामने अपना दर्द बयां करते हुए कहा कि पार्षद अमित तिवारी और उनके साथी अभिषेक तिवारी ने उनसे 23 लाख रुपये की मांग की है, और रकम न देने पर जान से मारने की धमकी दी जा रही है।
अयोध्या यादव ने बताया कि वर्ष 2020 में वे विष्णु दास डंडेवाल की दुकान (मंदिर चौक) में स्टील फैब्रिकेशन का काम करते थे। उसी दुकान को बाद में अभिषेक तिवारी ने किराये पर ले लिया। शुरुआत में सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन कुछ समय बाद किराया बढ़ोतरी और अन्य व्यावसायिक मसलों को लेकर दोनों पक्षों में विवाद हो गया।
पीड़ित का कहना है कि इसी विवाद के बाद से अभिषेक तिवारी और पार्षद अमित तिवारी लगातार 23 लाख रुपये की मांग करने लगे। उन्होंने दावा किया कि कई बार खुलेआम धमकी दी गई, और कहा गया कि “पैसे नहीं दिए तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहो।”
यादव के अनुसार, आरोपी बार-बार यह कहकर डराते हैं कि उनका राजनीतिक प्रभाव इतना व्यापक है कि “कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” उन्होंने कहा कि इस भय के माहौल में उनका पूरा परिवार मानसिक रूप से परेशान है। बच्चे तक डर के चलते स्कूल जाने से कतराने लगे हैं।
व्यापारी ने इस मामले में पुलिस अधीक्षक से मिलकर लिखित शिकायत सौंपी है और तत्काल एफआईआर दर्ज कर सख्त कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर समय पर प्रशासन ने हस्तक्षेप नहीं किया, तो उनके परिवार की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
फिलहाल इस मामले में पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन शिकायत के बाद शहर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में खलबली मच गई है। आम नागरिकों और व्यापारिक समुदाय में इस घटना को लेकर चिंता देखी जा रही है।
अब निगाहें प्रशासन पर टिकी
अब देखना यह होगा कि पुलिस प्रशासन इस संवेदनशील और गंभीर मामले में क्या रुख अपनाता है। क्या पीड़ित को समय रहते न्याय और सुरक्षा मिल पाएगी, या फिर राजनीतिक दबाव के चलते मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा — यह आने वाले दिनों में स्पष्ट होगा।