बिलासपुर। थाना सरकंडा पुलिस ने मकान बिक्री के नाम पर 40 लाख रुपये की ठगी करने वाले दो आरोपियों को कुछ ही घंटों में गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया है। प्रार्थी की रिपोर्ट पर दर्ज अपराध क्रमांक 1618/2025, धारा 420, 34 भादवि के तहत यह कार्रवाई की गई।
प्रार्थी अजीत शुक्ला (57 वर्ष), निवासी सूर्या विहार सरकंडा, ने 22 नवंबर 2025 को रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी जान-पहचान दिनेश प्रताप सिंह ठाकुर से है, जिससे उसका अक्सर मिलना-जुलना होता था। अप्रैल 2024 में दिनेश ने उसे भास्कर प्रसाद त्रिपाठी नामक व्यक्ति से मिलवाया, जिसने स्वयं को एसईसीएल कोरबा में पदस्थ बताया और बताया कि उसका मकान विवेकानंद नगर, मोपका में है, जिसे वह बेचना चाहता है।
मकान देखने के बाद प्रार्थी ने खरीदने की इच्छा जताई। इसके बाद दिनांक 26.04.2024 को 50 रुपए के स्टाम्प पेपर पर एक इकरारनामा तैयार कराया गया, जिसमें तीन माह के भीतर पंजीयन (रजिस्ट्री) करने का वादा किया गया था। इस इकरारनामा में दिनेश प्रताप सिंह और अरुण सिंह ने गवाह के रूप में हस्ताक्षर किए।
प्रार्थी ने समझौता होने के बाद भास्कर त्रिपाठी को 36 लाख रुपये ऑनलाइन दिए, लेकिन बावजूद इसके न तो रजिस्ट्री हुई और न ही मकान का वैध हस्तांतरण। समय सीमा पूरी होने पर प्रार्थी को यह भी पता चला कि आरोपी भास्कर और दिनेश ने मिलकर 40 लाख रुपये के लेन-देन का एक फर्जी इकरारनामा तैयार कर लिया था। बाद में यह भी खुलासा हुआ कि जिस मकान को बेचा जा रहा था, वह पहले से ही बैंक में बंधक था, जिसकी जानकारी आरोपियों ने जानबूझकर छिपाई।
प्रार्थी की रिपोर्ट पर तत्काल अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना शुरू की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार कर वैधानिक कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
एएसपी राजेंद्र जायसवाल और सीएसपी (सिविल लाइन/सरकंडा) निमितेश सिंह के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप आर्य के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। टीम ने दोनों आरोपियों को उनके निवास स्थान से हिरासत में लिया।
पूछताछ में दोनों आरोपियों—
- भास्कर प्रसाद त्रिपाठी (56 वर्ष), निवासी विवेकानंद नगर फेस-2, मोपका
- दिनेश प्रताप सिंह ठाकुर (66 वर्ष), निवासी शिवम सिटी, राजकिशोर नगर, सरकंडा
—ने अपराध स्वीकार कर लिया।
न्यायिक रिमांड पर भेजा गया
दोनों आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर 22 नवंबर 2025 को न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा है कि मामले में आगे की जांच जारी है तथा आवश्यक दस्तावेज एवं डिजिटल लेनदेन की भी पुष्टि की जा रही है।
सरकंडा पुलिस की इस त्वरित कार्रवाई से क्षेत्र के नागरिकों में विश्वास बढ़ा है और प्रॉपर्टी से जुड़ी धोखाधड़ी करने वाले गिरोहों पर स्पष्ट संदेश गया है कि पुलिस ऐसे मामलों में सख्त कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है।


