बिलासपुर। जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के आह्वान पर गुरुवार को शहर में राजनीतिक तापमान तब बढ़ गया, जब कार्यकर्ता अपनी पाँच सूत्रीय प्रमुख मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव करने पहुँचे। आरोप लगाया गया कि भाजपा शासनकाल में जिले की मूलभूत समस्याएँ लगातार गंभीर रूप लेती जा रही हैं, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर उनके समाधान के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए जा रहे।
जिला कांग्रेस कमेटी (ग्रामीण) के अध्यक्ष विजय केशवानी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता कलेक्टर कार्यालय की ओर कूच करने निकले, लेकिन नेहरू चौक के पास पुलिस ने कड़ी बैरिकेडिंग कर उन्हें रोक दिया। बैरिकेड्स के सामने ही कांग्रेसियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कार्यकर्ताओं ने जब बैरिकेडिंग तोड़ने का प्रयास किया, तो स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने वॉटर कैनन का इस्तेमाल किया। पानी की तेज बौछारों के बीच धक्का-मुक्की की स्थिति भी बनी, हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक लिया।
कांग्रेस की पाँच सूत्रीय प्रमुख मांगें
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेसियों ने जिले की ज्वलंत समस्याओं को लेकर नारेबाजी की और निम्नलिखित माँगों को तत्काल लागू करने की अपील की—
- जर्जर एवं ख़स्ताहाल सड़कों की तत्काल मरम्मत।
- बिजली बिलों में कथित अनियमितताओं और बढ़ते शुल्क पर रोक।
- धान खरीदी व्यवस्था में सुधार तथा किसानों की लंबित समस्याओं का समाधान।
- छोटे भूखंडों की रजिस्ट्री पर अघोषित रोक समाप्त करने एवं रजिस्ट्री दरों में कटौती।
- गरीबों के पुराने मकानों और झोपड़ियों पर चलाए गए बुलडोजर अभियान पर रोक।
इसके अलावा, कुछ स्थानीय मुद्दों एवं प्रशासनिक कार्यप्रणाली को लेकर भी कार्यकर्ताओं ने असंतोष व्यक्त किया।
माहौल तनावपूर्ण, लेकिन नियंत्रण में
वॉटर कैनन की कार्रवाई के बाद भी प्रदर्शनकारियों ने आगे बढ़ने की कोशिश की, परंतु पुलिस बल की मौजूदगी के कारण स्थिति नियंत्रण में रही। थोड़ी देर बाद कांग्रेस पदाधिकारी एवं पुलिस प्रशासन के बीच बातचीत हुई, जिसके बाद प्रदर्शन शांतिपूर्वक समाप्त हुआ।
कांग्रेस ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले दिनों में आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।


