रेलवे अपने यात्रियों की किस तरह से सुरक्षा कर सकता है जबकि उसके स्टाफ से ही उन्हें खतरा बना हुआ है। यह सवाल रेलवे के आला अधिकारियों को भी परेशान कर रहा है। पिछले साल हुई 21 चोरी की घटनाओं में खुद रेलवे के स्टाफ ही घेरे में आए हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे की आंतरिक रिपोर्ट्स के आधार पर यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। जनवरी से अब तक 28 रेलवे कर्मचारी जिनमें टीटीई भी शामिल हैं, चलती ट्रेन में 21 चोरी की घटनाओं में शामिल रहे हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक जिन स्टाफ को चोरी की घटनाओं में गिरफ्तार किया गया है, उनमें से कुछ रेलवे के पर्मनेंट कर्मचारी हैं और दूसरे वे जो कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारी शामिल हैं।
रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स के धर्मेंद्र कुमार ने बताया, ‘तथ्यों के मुताबिक कई चोरी की घटनाओं की रिपोर्ट सामने ही नहीं आ पाती है, क्योंकि ऑनबोर्ड स्टाफ की भागीदारी के चलते रिपोर्ट दर्ज ही नहीं हो पाती है।’
रिपोर्ट के मुताबिक पिछले जनवरी से अबतक करीब 21 चोरी घटनाएं सामने आईं हैं, जिनमें 2 टीटीई, 15 कोच अटेंडेंट्स, 5 वे स्टाफ जिन्होंने इनकी मदद की, 3 बोर्ड हाऊसकीपिंग वाले, 3 पैंट्री वेटर्स पकड़े गए हैं।
रेलवे की सुरक्षा समिति ने कहा है कि उन स्टाफ के लिए जो चोरियों में शामिल रहें हैं सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जो स्टाफ आउटसोर्सिंग के जरिए लिया जाता है, उन्हें पूरी तरह से वैरिफाइड होने के बाद ही लिया जाए। साथ ही जो लोग अपराध में शामिल हैं उन्हें तुरंत रूप से टर्मिनेट किया जाएगा।