देश की राजधानी में बच्चियों के अपहरण का एक हैरतअंगेज मामला सामने आया है। पुलिस ने एक 40 वर्षीय व्यक्ति को बच्चियों के अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया। जांच में खुलासा हुआ, आरोपी बेटी न होने की वजह से बच्चियों को अगवा करताा था और बाद में उन्हें कपड़े-चॉकलेट दिलाकर उनके घर के पास छोड़ देता था।
पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज ने बताया कि आरोपी कृष्णदत्त तिवारी को 27 जनवरी को राजौरी गार्डन स्थित उसके घर से कीर्ति नगर थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, 25 जनवरी को कीर्ति नगर थाने में जवाहर कैंप में रहने वाले डीपी पाल नामक शख्स ने अपनी आठ वर्षीय बेटी के गायब होने की शिकायत दी थी।
एसएचओ विजय कुमार सिंह, एसआई सुन्दर और एएसआई अजय की टीम ने केस दर्ज कर जांच शुरू की। 26 जनवरी की सुबह आरोपी खुद ही बच्ची को उसके घर के बाहर छोड़ कर फरार हो गया। पुलिस ने इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज की मदद से आरोपी की बाइक कानंबर पता कर लिया, जिसके आधार पर आरोपी को राजौरी गार्डन इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया।
छेड़छाड़ की बात सामने नहीं आई
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी ने बच्चियों के साथ छेड़छाड़ या गलत काम नहीं किया। बच्चियों ने भी इससे इनकार किया है।
खेलने के बाद चॉकलेट-कपड़े देकर छोड़ आता था
आरोपी के दो बेटे हैं। उसकी एक बेटी की चाह है। इसके चलते वह सड़क पर खेलने वाली बच्चियों को उठाकर अपने घर ले जाता था। वह अपनी पत्नी से कहता था कि बच्ची उसके दोस्त की बेटी है। वह बच्ची को नए कपड़े, और खाने की चीजें दिलाकर अगले दिन उसके घर के पास छोड़ आता था। आरोपी ने बीते वर्ष अक्तूबर में हरिनगर से भी एक बच्ची का अपहरण किया था। इसके दो दिन बाद वह बच्ची को उसके घर के ठीक सामने स्थित पार्क में छोड़ आया था, ताकि परिजनों को बच्ची आसानी से मिल जाए।
आरोपी इस तरह पकड़ में आया
कीर्ति नगर से अगवा बच्ची को आरोपी ने उसके घर के कुछ पास छोड़ दिया था। उसने बच्ची को उसके घर जाने का रास्ता भी बताया था। जब तक बच्ची अपने घर की गली में मुड़ नहीं गई तब तक आरोपी वहीं खड़ा रहा। इसी दौरान आरोपी और उसकी बाइक की तस्वीर सीसीटीवी में कैद हो गई थी। बाइक नंबर के सहारे पुलिस आरोपी तक पहुंच गई और पूछताछ में उसने अपराध कबूल लिया।