देश में पटाखों के बिक्री और उत्पादन पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग वाली याचिका पर सर्वोच्च न्यायलय में मंगलवार को सुनवाई हुई. इस दौरान शीर्ष अदालत ने कहा है कि पटाखों से ज्यादा प्रदूषण तो गाड़ियों से निकल रहा है, किन्तु सभी लोग पटाखों के पीछे पड़े हैं. शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को पटाखों और ऑटोमोबाइल्स से होने वाले प्रदूषण पर एक तुलनात्मक अध्ययन कर रिपोर्ट अदालत में पेश करने के निर्देश भी दिए हैं.
अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को निर्धारित की गई है. मंगलवार को हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा है कि पटाखों की तुलना में वाहन सबसे ज्यादा मात्रा में वातावरण को प्रदूषित करते हैं. सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि लोग पटाखों पर प्रतिबंध की मांग क्यों करते हैं जबकि ये स्पष्ट महसूस किया जा सकता है कि ऑटोमोबाइल्स कहीं ज्यादा प्रदूषण करते हैं.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया कि पटाखों के निर्माण में बेरियम के इस्तेमाल को बैन किया जा चुका है. ग्रीन पटाखों का फार्मूला अभी तय किया जाना बाकी है. सर्वोच्च न्यायालय ने यह भी जानकारी मांगी है कि पटाखा फैक्ट्रियों से निकाले गए लोगों के रोजगारों का क्या होगा? हम उन्हें भूखा नहीं छोड़ सकते. हम बेरोजगारी पैदा करना नहीं चाहते. अगर यह पेशा कानूनी है तो आप उन्हें रोक कैसे सकते हैं.