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एलआईसी (LIC) का हिस्सा बेचने जा रही है केंद्र सरकार, जानिए क्या होगा करोड़ों बीमाधारकों पर इसका असर…

बजट 2021 में केंद्र सरकार ने बीमा कंपनी एलआईसी ( LIC) की हिस्सेदारी बेचने का फैसला किया। बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार एलआईसी में हिस्सेदारी बेचेगी। LIC में हिस्सेदारी बेचने के लिए सरकार जल्द ही इसका आईपीओ लेकर आएगी। एलआईसी की हिस्सेदारी बेचने के ऐलान क बाद बीमा कंपनी के करोड़ों बीमधारकों के मन में चिंता सता रही है कि इसका असर उनपर पड़ेगा या नहीं?

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी LIC की हिस्सेदारी बेचेगी। अगले छह महीनों में एलआईसी का आईपीओ बाजार में लॉन्च हो जाएगा, जिसके बाद लोग शेयर के जरिए एलआईसी में हिस्सेदारी खरीद सकते हैं। एलआईसी के आईपीओ को लॉन्च कर सरकार 1.75 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है।

हिस्सेदारी बेचने की खबर से बीमाधारकों में मची हलचल

एलआईसी की हिस्सेदारी बेचनी की खबर से बीमाधारकों की चिंता बढ़ गई है। लोग LIC को सबसे सुरक्षित निवेश के तौर पर चुनते हैं, लेकिन सरकार के ऐलान के बाद से पॉलिसीधारकों की चिंताएं बढ़ गई। LIC के 25 करोड़ बीमाधारकों के मन में सवाल उठने लगे कि इससे उनपर और उनकी सेविंग पर क्या असर होगा? क्या उनकी सेविंग सुरक्षित रहेगी? इन सवालों पर जानकारों ने जवाब देते हुए कहते हैं कि इससे बीमाधारकों की जमापूंजी और उनकी बचत पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बाजार जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से एलआईसी के पॉलिसीधारकों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है। इस फैसले का उनपर कोई सीधा असर नहीं होगा। सरकार ने भी इस बात का भरोसा दिलाया है कि एलआईसी की हिस्सेदारी को बेचने से बीमाधारकों की सुरक्षा और उनकी जमापूंजी पर कोई असर नहीं होगा। गौरतलब है कि LIC का आईपीओ मौजूदा वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में लॉन्च की जा सकती है। बजट के ऐलान के दौरान वित्त मंत्री ने कह कि सरकार कुछ कंपनियों को भी बेचना चाहती है। वहीं दो और सरकारी बैंकों का निजीकरण किया जाएगा।

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