Advertisement
अन्य

अच्छी खबर: घर में पड़ा सोना बेचते हैं तो अब देना पड़ेगा इनकम टैक्स, जानिए कैसे बच सकते हैं?…

भारतीय सोने की खऱीदारी गहनों के रूप में अधिक करते हैं, जो निवेश का एक बड़ा जरिया होता है, क्योंकि पारंपरिक रूप से सोने में निवेश कभी घाटे का सौदा नहीं माना जाता है। शायद यही कारण है कि लोग बैंक एफडी और जमीन-जायदाद में निवेश से बेहतर निवेश अभी भी सोने को मानते हैं, जो किसी भी आपात स्थिति से निपटने में एक लिक्विड मनी की तरह हमेशा उनके पास रहती है, लेकिन अब घर खऱीद कर रखे हुए सोने की लिक्विडिटी पर ग्रहण लग गया है, क्योंकि आयकर विभाग के नियमानुसार अगर घऱ में रखा हुआ सोना बेचते हैं, तो आपको टैक्स चुकाना पड़ेगा।

सोने पर सीधे पैसा लगाने के बजाय इन तरीकों से किया जा सकता है निवेश

जी हां, यह सच है। शायद यही कारण है कि अब सोने पर सीधे निवेश के बजाय सोने में निवेश की कई तरीके बाजार में उपलब्ध हो गए हैं, जिसके जरिए सोने में ही निवेश कर आयकर से बचा जा सका है। वर्तमान में सोने में निवेश के चार तरीके मौजूद हैं। इनमें पहला तरीका है फिजिकल गोल्ड ( पारंपरिक तरीका), दूसरा तरीका है गोल्ड म्यूचुअल फंड या ईटीएफ, तीसरा है डिजिटल गोल्ड और चौथा तरीका है सॉवरेन गोल्ड बांड। सॉवरेन गोल्ड बांड के जरिए सोने में निवेश से इनकम टैक्स नहीं देना होगा?

फिजिकल सोने में निवेश अब अधिक फायदेमंद नहीं रह गया है

गौरतलब है सोने में निवेश का सबसे आसान और पारंपरिक तरीका सभी जानते हैं कि ज्वैलरी या सिक्के खरीदकर निवेश किया जा सकता है और अधिकांश आज भी फिजिकल तरीक से सोने में निवेश को प्रमुखता देते आ रहे हैं, लेकिन फिजिकल सोने में निवेश अब अधिक फायदेमंद नहीं रह गया है, क्योंकि जरूरत पड़ने पर जब आप सोना बेंचकर पैसा लेना चाहेंगे, तो आपको दो तरीके के इनकम टैक्स देना पड़ेगा। पहला, सोना खऱीदने की तिथि के तीन साल के भीतर अगर उसे बेचा जाता है और उसमें मुनाफा होता है, तो इसे शॉर्ट टर्म गेन माना जाएगा।

इनकम टैक्स नियमानुसार सोना बेचने पर हुए मुनाफे पर टैक्स चुकाना होगा

इनकम टैक्स के नियमानुसार सोना बेचने पर हुए आपके मुनाफे को आपकी इनकम मानते हुए इस पर टैक्स चुकाना होगा। वहीं, दूसरी ओर अगर आप निवेश की तिथि के तीन साल के बाद अपने सोने को बेचते हैं, तो इसे लांग टर्म कैपिटल गेन मानते हुए इस पर 20 फीसदी इनकम टैक्स देना होगा। सोचिए कि अगर आपने ने 50 हजार का 10 ग्राम सोना आज खऱीदा है और उसे 3 साल बाद 55 हजार के 10 ग्राम के बढ़े भाव में बेचते हैं, तो आपको 20 फीसदी टैक्स देना होगा। यानी आपको 5000 रुपए के मुनाफे पर 20 फीसदी (1000 रुपए) आयकर विभाग को देना पड़ेगा।

सरकार के उत्तरदायित्व पर आरबीआई जारी करता है सॉवरेन गोल्ड बांड्स

वहीं, सरकार के उत्तरदायित्व पर केंद्रीय बैंक आरबीआई द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बांड्स को ऑनलाइन या कैश से खरीदा जा सकता है। इसकी कीमत एक ग्राम गोल्ड के बराबर मापी जाती है। यानी उसके बराबर मूल्य की सॉवरेन गोल्ड बांड निवेशक को जारी कर दिया जाता है और मेच्योरिटी के समय इसे कैश के रूप में हासिल किया जाता है। इसकी मेच्योरिटी अवधि 8 साल की होती है और इस अवधि के दौरान कैश करवाने पर हुए मुनाफे पर टैक्स नहीं लगता है। तो कह सकते हैं कि इनकम टैक्स मुक्त सोने में निवेश का बेहतर माध्यम अभी सॉवरेन बांड्स हैं।

गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स पर इनकम टैक्स देना पड़ता है

सोने में निवेश के अन्य तरीकों में गोल्ड ईटीएफ है, जो आपके कैपिटल को फिजिकल सोने में निवेश करता है और यह सोने के भाव के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है। वहीं, गोल्ड म्यूचुअल गोल्ड ईटीएफ में निवेश करता है। गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड्स पर फिजिकल सोने में निवेश की तरह ही टैक्स देना पड़ता है, लेकिन डिजिटल गोल्ड यानी किसी वॉलेट, बैंक और ब्रोकरेज कंपनियों के जरिए सोने में निवेश पर हुए कैपिटल गेन पर फिजिकल सोने पर निवेश अथवा गोल्ड म्यूचुअल फंड या गोल्ड ईटीएफ की तरह ही टैक्स देना पड़ता है।

error: Content is protected !!