रेप के आरोप में चौतरफा फंसे राजस्थान के बाबा फलाहारी महाराज ने अब आसाराम वाला पैतरा अपनाते हुए खुद को नपुंसक बताया है.
21 साल की युवती से आश्रम में रेप मामले में पुलिस को दिए बयान में बाबा ने कहा है, ‘मैं नपुंसक हूं’. बाबा ने खुद को नपुंसक बताते हुए रेप के इन आरोपों को भी पूरी तरह से खारिज कर दिया.
‘जड़ी-बूटी से हुआ नपुंसक’
अलवर पुलिस को दिए बयान के हवाले से सूत्रों ने बताया है कि बाबा ने दावा किया है कि वह जड़ी- बूटी के सेवन से नपुंसक हुआ है.
6 महीने तक सेक्स नहीं कर सकते
बाबा ने अपने बयान में कहा कि ‘एक बार दवा लेने के बाद उसका असर छह महीने तक रहता है.’ यानि छह महीने तक वह किसी से सेक्स नहीं कर सकते.
आसाराम ने भी पकड़े जाने के बाद खुद को बताया था नपुंसक
चार साल पहले इसी तरह आश्रम में नाबालिग से याैन उत्पीड़न के आरोपों में गिरफ्तार किए गए आसाराम ने खुद को नपुंसक बताया था. इसके बाद आसाराम का पोटेंसी टेस्ट करवाया गया जिसमें साफ हुआ था के वो नपुंसक नहीं था.
अब फलाहारी का भी पोटेंसी टेस्ट होगा?
पुलिस को दिए बयान के बाद अब पुलिस बाबा के दावे को परखने के लिए पोटेंसी टेस्ट भी करवा सकती है. हालांकि इसको लेकर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता. क्यों कि अभी तक बाबा को गिरफ्तार भी नहीं किया जा सका है.
क्या है पोटेंसी टेस्ट?
पोटेंसी टेस्ट यानि पौरुष जांच से यह साबित होता है कि शख्स नपुंसक है या नहीं. एक्सपर्ट के अनुसार पोटेंसी टेस्ट ऐसे मामलों में किया जाता है जब कोई आरोपी रेप या यौन शोषण के आरोपों से बचने के लिए खुद को नपुंसक बताता है. यह टेस्ट किसी अधिकृत यूरोलॉजिस्ट द्वारा किया जाता है और यह जांचा जाता है कि व्यक्ति का पुंसत्व बरकरार है या नहीं. इस टेस्ट में टेस्टीकुलर रिफ्लेक्सिस(वृषण सजगता) और यौन उत्तेजना की सामान्य प्रतिक्रियाओं को परखा जाता है.