व्यक्ति न्याय पाने के लिए न्यायलय अौर उच्च न्यायल में जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के मगरपारा में लोग न्याय के लिए हनुमान मंदिर जाते है। यहां पंचायत भी हनुमान जी को साक्षी मानकर फैसला करती है अौर लोग उसे मानते है। लोगों का मानना है कि उस फैसले में हनुमान जी का आदेश होता है।
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर के मगरपारा में बजरंगी पंचायत नाम का मंदिर स्थित है। जहां पिछले 80 वर्षों से लोग विवादों के निपटारे के लिए इस मंदिर में आते हैं। कहा जाता है कि क्षेत्र से संबंधित छोटे-मोटे फैसलों के लिए लोग यहां इकट्ठे होते हैं। यहां पर हर प्रकार की समस्याअों पर फैसले होते हैं।
मंदिर के निर्माण से संबंधित भी एक कहानी प्रचलित है। कहा जाता है कि करीब 80 वर्ष पूर्व सुखरू नाई नामक एक हनुमान भक्त ने पीपल के पेड़ के नीचे बने चबूतरे पर हनुमानजी की छोटी सी प्रतिमा स्थापित की थी। उसके पश्चात पंचायत सदस्यों अौर भक्तों के सहयोग से मंदिर का निर्माण कार्य आरंभ किया गया। मंदिर का निर्माण कार्य 1983 में पूर्ण हुआ।
लोग अपने घरों में हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर मांगलिक कार्यों का आरंभ करते हैं। नववधू गृह प्रवेश से पूर्व हनुमान जी का आशीर्वाद लेती है। रामभक्त हनुमान के मंदिर में भक्तों की ओर से पाठ, चालीसा जैसे विभिन्न धार्मिक आयोजन किए जाते हैं। यहां हनुमान जयंती के पावन अवसर पर भव्य आयोजन किया जाता है, जहां दूर-दूर से भक्तों आते हैं।