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सेहत की दुश्‍मन हैं घर में मौजूद ये 5 आधुनिक चीजें!

तेज गति से विकास करती दुनिया ने लोगों की जीवनशैली में काफी परिवर्तन किए हैं। बल्कि यह कह सकते हैं कि विकास से दिन प्रतिदिन लोगों पर आधुनिकता हावी होती जा रही है। हर कोई इस दौड़ में शामिल होना चाहता है। शायद आप भी? लेकिन क्‍या आपको पता है कि जितनी तीव्र गति से हमारी दिनचर्या में आधुनिक चीजें शामिल हुई हैं उतनी ही तेजी से हम खुद के प्रति लापरवाह भी होते जा रहा हैं, जिसके कारण लोगों में कई तरह की मानसिक व शा‍रीरिक बीमारियां हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रही हैं। हमारे आस-पास ऐसी कुछ आधुनिक चीजें हैं जो हर दिन हमें बीमार कर रही हैं, जिसकी जानकारी शायद हमें नही है।

फ्रिज

शरीर का तापमान 37 डिग्री सेल्सियस होता है ऐसे में जब आप फ्रीज से निकालकर कोई ठंडी चीज़ पीते हैं तो उस वस्तु के तापमान को नियमित करने के लिए आपके शरीर को कुछ ऊर्जा खर्च करनी पड़ती है। जबकि अगर पानी नार्मल हो तो इस उर्जा का उपयोग भोजन के पाचन तथा पोषक तत्वों के अवशोषण के लिए होता है। इसीलिए ठंडा पानी पीने से शरीर को पोषक तत्व नहीं मिल पाता। इसके अलावा ठंडा पानी भोजन की पाचन प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न करता है।

स्‍मार्टफोन

हम यहां सबसे पहले बात कर रहें हैं स्‍मार्टफोन की, रात को अक्सर हम लाइट ऑफ करके भी बेड पर स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते रहते हैं। रिसर्च ने इस बात को साबित किया है कि कि ऐसा करने से आंखों पर बुरा असर पड़ता है। फोन को हमेशा पर्याप्त लाइट में ही इस्तेमाल करना चाहिए। इससे आपकी नींद खराब होती है। जबकि व्‍यक्ति की अच्छी नींद 8-10 घंटे की मानी जाती है। जिन लोगों को सोने से पहले बार बार अपना फोन देखने की आदत होती है, उनको किसी भी काम में फोकस करने में बहुत दिक्कतें आती हैं। ऐसे लोगों को अपनी आदतों में बदलाव करना चाहिए और फोन को खुद से ज्यादा समय के लिए दूर रखने की आदत बनानी चाहिए।

एयर कंडीशन

लंबे समय तक एसी में रहने से आपको लगातार हल्का बुखार और थकान बने रहने की समस्या हो सकती है। इतना ही नहीं इसका तापमान ज्यादा कम करने पर आपको सिरदर्द और चिड़चिड़ाहट महसूस हो सकती है। अगर आप एसी से निकलकर सामान्‍य तापमान में जाते हैं तो आपको बुखार हो सकता है। जोड़ों में दर्द की समस्‍या हो सकती है। एसी में बैठने से शारीरिक तापमान कृत्रिम तरीके से ज्यादा कम हो जाता है जिससे कोशिकाओं में संकुचन होता है और सभी अंगों में रक्त का संचार बेहतर तरीके से नहीं हो पाता, जिससे शरीर के अंगों की क्षमता प्रभावित होती है। यह मस्तिष्‍क पर भी बुरा असर डालते हैं।

टीवी

पांच घंटे या उससे ज्यादा समय के लिए टीवी के सामने बैठना बेहद खतरनाक हो सकता है। एक नई रिसर्च का दावा है कि इससे खून के जानलेवा थक्के (ब्लड क्लॉट्स) बन सकते हैं। इससे पलमनरी एम्बॉलिज्म का खतरा दो गुना बढ़ जाता है। जापान की ओसाका यूनिवर्सिटी ने 86 हजार लोगों की 18 साल की दिनचर्या का अध्ययन करने के बाद यह बात कही है। रिसर्च करने वालों का कहना है कि लंबे समय तक टीवी देखने वालों को बीच बीच में खड़े हो जाना चाहिए या पानी पीने के लिए उठना चाहिए।

कंप्‍यूटर

लैपटॉप या कम्प्यूटर पर लगातार कई घंटों तक काम करने से गर्दन और कमर में दर्द शुरू होने लगता है। कंप्यूटर पर उंगलियों और हाथों के ज्यादा इस्तेमाल से कलाइयों एवं उंगलियों में कार्पल टनल सिंड्रोम जैसी प्रोब्लम हो सकती है। ऐसा माना गया है कि जो लोग कंप्यूटर के सामने ज्यादा देर तक बैठते हैं उन्हें दूसरे लोगों के मुकाबले दिल की बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इससे आंखों को भी काफी नुकसान पहुंचता है।

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