सेना में भर्ती होने की चाहत लेकर 45 साल पहले परिजनों को छोड़कर घर से फरार हुए व्यक्ति को एक मिस्ड कॉल से खोल लिया गया।
एसओजी ने बरामद कर उसके परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। युवक की खोजबीन के लिए सर्विलांस एसओजी के लिए मददगार बना। लंबे समय बाद गायब व्यक्ति की घर वापसी ने परिजनों को बड़ा तोहफा दिया है।
जानकारी के अनुसार आवास विकास निवासी हुकुम चंद पुत्र दयानंद के मन में 45 वर्ष पूर्व सेना में भर्ती होने की चाह जगी थी। इसी चाह को लेकर हुकुम सिंह 18 साल की उम्र में घर से फरार हो गया था।
हुकम चंद का कोई सुराग नहीं मिलने पर पुलिस की हेल्प ली
पुलिस – फोटो : प्रतीकात्मक चित्र
काफी खोजबीन के बाद भी हुकम चंद का कोई सुराग नहीं मिलने पर परिजन पुलिस की शरण में पहुंचे, लेकिन काफी कोशिशों के बाद पुलिस के हाथ भी निराशा ही लगी।
हुकुम की गुमशुदगी को लंबा समय बीतने के बाद परिजनों ने भी उसके मिलने की आस छोड़ दी थी। लेकिन हुकुम के परिवार की दुआ थी या फिर उसकी किस्मत कि तीन दिन पूर्व परिवार से उसका मिलन हो गया और इस मिलन में रुद्रपुर एसओजी ने हनुमान की भूमिका निभाई।
दरअसल एक सप्ताह पूर्व हुकुम चंद के परिवार के एक सदस्य के फोन पर एक मिस्ड काल आया। लेकिन पलट कर फोन करने पर दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आई।
45 साल पहले लापता हुआ हुकुम चंद दिल्ली में मिला
परिजन एसओजी के पास पहुंचे
परिजनों ने इसे मामूली बात समझकर इसकी अनदेखी कर दी। इसके बाद लगातार दो दिन तक फिर फोन पर मिस काल आया तो परिजन एसओजी के पास पहुंचे।
एसओजी ने सर्विलांस की मदद से जब मोबाइल नंबर की जांच पड़ताल की तो उसकी लोकेशन दिल्ली में मिली। इस पर एसओजी ने मौके पर जांच पड़ताल की तो फोन करने वाला युवक लापता हुकुम चंद ही निकला। सूचना पर परिजनों ने भी इसकी पुष्टि कर दी।
एसओजी प्रभारी ने हुकुम चंद के परिजनों को उस तक पहुंचा दिया। एसओजी प्रभारी तुषार बोरा ने बताया कि 45 साल पहले लापता हुआ हुकुम चंद दिल्ली में बरामद हुआ है। पुष्टि होने पर परिजन भी उसके पास पहुंच गये हैं। जल्द ही परिजन उसे लेकर रुद्रपुर अपने घर पहुंच जाएंगे।