चार चौकीदारों के होते हुए वन विभाग की 28 एकड़ पौधा रोपण भूमि में आगजनी, डीएफओ ने बैठाई जाँच
बिलासपुर। वनमण्डल बिलासपुर अंर्तगत ग्राम सकरी क्षेत्र में स्थित पाली के 28 एकड़ जंगल के आगजनी मामले में डीएफओ द्वारा जांच कमेटी का गठन किया है। जबकि वहाँ 4 चौकीदार होने के बावजूद आग लगने में संशय उत्पन्न होने से डीएफओ ने जांच में सभी संदेहास्पद बिंदुओ के आधार पर तखतपुर रेंजर से सोमवार तक रिपोर्ट मांगी है एवं मामले में सकरी रेंजर को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मालूम हो कि तखतपुर ब्लॉक अंतर्गत ग्राम पंचायत बोड़सरा के आश्रिम ग्राम पाली के 28 एकड़ वन भूमि में वर्ष 2015 में मनरेगा के तहत पौधे रोपण किया गया था। जिसमे आम, आंवला, करंज, सागौन, कहवा समेत अन्य इमारती प्रजाति के पौधे शामिल थे। पौधों की सुरक्षा को देखते हुए फेंसिंग भी कराई गई थी। साथ ही देखरेख के लिए 4 चौकीदारो को नियुक्त किया गया था जिन्हें तीन वर्षो से मस्टररोल में भुगतान भी किया जा रहा है। पौधरोपण के बाद वहां पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था होने के बावजूद विगत 24 अप्रैल को अचानक आग लगने से 28 एकड़ का जंगल जलकर राख हो गया। उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए बिलासपुर वन मंडल में हाल ही में नवनियुक्त डीएफओ एस एस कंवर ने त्वरित जांच टीम गठित किया और तखतपुर रेंजर अनिमेष सिंह को जांच अधिकारी बनाया है। जबकि आगजनी के मामले में जिम्मेदार रेंजर के डी घृतेश से जवाब मांगा गया है
आग लगने की सूचना के बाद भी रेंजर घृतेश मौके पर नहीं पहुंचे थे। जबकि मौके से फारेस्ट गार्ड शोभा यादव ने फोन से डिप्टी रेंजर बिसेन साहू और रेंजर घृतेश को सूचना दी थी जहाँ कुछ समय के बाद डिप्टी रेंजर साहू तो पहुंच गए थे, लेकिन रेंजर घृतेश नहीं आए थे। आगजनी मामले में उक्त बिंदुओं को मुख्य आधार बनाया गया है की जब आग लगी तब रेंजर घृतेश कहां थे और सूचना मिलने के बाद भी वह मौके पर क्यों नहीं पहुंचे तथा मनरेगा के तहत कितनी लागत के पौधे रोपे गए थे ,आगजनी से कितने का नुकसान हुआ है ,चारों चौकीदार कहां थे, क्या ये छुट्टी पर थे ,आग कैसे लगी और इसके लिए जिम्मेदार कौन है।
डीएफओ ने मामले में जांच रिपोर्ट के बाद कार्यवाई करने की बात कही है
डीएफओ कंवर का कहना है कि मामले में जांच बिठा दी गई है। सोमवार तक जांच रिपोर्ट आने की पूर्ण संभावना है तथा जांच में जो भी दोषी मिलेगा होंगे उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।