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ज़िला प्रशासनबिलासपुर

जल्द फसल मुआवजा नहीं मिला तो मुख्यमंत्री का विकास यात्रा रोकेंगे… करेंगे आत्महत्या, मस्तूरी ब्लॉक के जोंधरा गोपालपुर, परसोड़ी, भिलौनी, टिकारी व चिस्दा के ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

जल्द फसल मुआवजा नहीं मिला तो मुख्यमंत्री का विकास यात्रा रोकेंगे… करेंगे आत्महत्या, मस्तूरी ब्लॉक के जोंधरा गोपालपुर, परसोड़ी, भिलौनी, टिकारी व चिस्दा के ग्रामीणों ने कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

बिलासपुर 21 मई। ताज़ख़बर36गढ़:- फसल बीमा के नाम पर कंपनी ने किसानों से राशि ले ली, लेकिन बीमा के नाम पर 2 से 4 रुपए का भुगतान किया जा रहा है। इससे मस्तूरी ब्लॉक के किसान आक्रोशित हो गए हैं। उन्होंने सोमवार को बीमा कंपनी पर कार्रवाई और उचित मुआवजा दिलाने की मांग को लेकर कलेक्टोरेट में हल्ला बोल दिया। उनका कहना है कि यदि जल्द ही उन्हें मुआवजा नहीं मिला तो वे भाजपा सरकार की विकास यात्रा रोकेंगे। फिर भी मुआवजा नहीं मिला तो क्षेत्र के 100 से अधिक किसान आत्महत्या करेंगे।

मस्तूरी ब्लॉक के अंतिम छोर स्थित जोंधरा गोपालपुर, परसोड़ी, भिलौनी, टिकारी व चिस्दा आदि गांवों के 100 से अधिक किसान सोमवार दोपहर कलेक्टोरेट पहुंचे थे। इन्होंने कलेक्टर जनदर्शन में एक अर्जी सौंपी है। किसानों का कहना है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत कर्ज लेने के समय सभी किसानों से फसल बीमा की प्रीमियम राशि काट ली जाती है। वर्ष 2017-18 में मस्तूरी तहसील में अकाल पड़ा था। शासन ने भी मस्तूरी क्षेत्र को अकाल ग्रस्त घोषित किया था। इसके बाद जिला प्रशासन ने अनावरी सर्वे कराया था और रिपोर्ट शासन को सौंप दी गई थी। उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ में करीब 62 हजार 525 किसानों की 92 हजार हेक्टेयर जमीन पर लगी फसल का बीमा कराया गया था और इसके एवज में बीमा कंपनी इफको टोकियो के नाम पर 6.60 करोड़ रुपए किसानों के खातों से काटकर जमा की गई थी, लेकिन अभी तक बीमा कंपनी ने बीमा राशि का भुगतान नहीं किया है।

किसानों का कहना है कि उन्होंने कर्ज लेकर खेती की थी। मौसम ने दगा दे दिया। इसके चलते फसल पूरी तरह से चौपट हो गई। उम्मीद थी कि उन्हें बीमा कराने के बदले मुआवजा मिलेगा, जिससे उनके परिवार का खर्च चल जाएगा, लेकिन मुआवजा नहीं मिलने से उनके सामने भूखों मरने की नौबत आ गई है।

किसानों ने बताया कि क्षेत्र के कुछ किसानों को फसल बीमा का मुआवजा मिला है। वो भी 2 से 4 रुपए, जबकि ऐसे किसानों के पास 5 से 8 एकड़ जमीन है। खेती करने में लागत करीब 50 से 80 हजार रुपए आई है। जोंधरा निवासी किसान दिनेश शर्मा का कहना है कि बीमा के नाम पर पहले उनके खाते से राशि काट ली गई और जब मुआवजे की बारी आई तो शासन और कंपनी ने मुंह मोड़ लिया है। अब उनके सामने आत्महत्या करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि अभी मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विकास यात्रा चल रही है। वो मस्तूरी भी आने वाले हैं, जिस दिन वे मस्तूरी आएंगे, उस दिन क्षेत्र के 100 से अधिक किसान विकास यात्रा रोकेंगे।

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