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राजनीति

झूठे मामले में फंसाने रचा जा रहा है षड़यंत्र, न तो एफआईआर से डरता हूँ और न जेल जाने से…..शैलेश पाण्डेय

बिलासपुर। ताज़ाख़बर36गढ़:- कांग्रेस नेता शैलेश पाण्डेय ने प्रेसवार्ता आयोजित कर अपने ऊपर लगे आरोपो पर खुलासा करते हुए कोटा थाने में दर्ज एफआईआर विरोधियो की सोची समझी साजिश होना बताया हैं। शिकायतकर्ता प्रमेन्द्र मानिकपुरी द्वारा की गई शिकायत के पीछे नाम नही लेते हुए एक मंत्री की राजनितिक कूटरचना और षडयंत्र का खेल कर उन्हें झुटे आरोपो में फ़साने का इल्जाम बताया है।

ज्ञात हो कि विगत दिनों कांग्रेस प्रवक्ता शैलेश पाण्डेय संहित अन्य 4 के विरुद्ध शिकायतकर्ता प्रमेन्द्र मानिकपुरी द्वारा कोटा थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी। जिसपर कोटा पुलिस ने शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज किया था जिसके बाद शैलेश ने बयान जारी करते हुए कहा था कि उनकी राजनीतिक छवि खराब करने के लिए विरोधियो ने कूटनीति के तहत षडयंत्र बताते हुए मामले में खुलासा करने की बात कही थी। आज मामले में खुलासा करते हुए शैलेश ने पत्रकारों को बताया कि किसी एक मंत्री के इशारे पर दर्ज एफआईआर से शैलेश पांडेय डरने वाला नहीं है। गलत काम करने वाले अपनी जमीन हिलते देख गलत एफआईआर के जरिये फंसाने का प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 8 जुलाई 2017 तक की समयावधि में डॉ सीवी रामन् विश्वविद्यालय के कुलसचिव के पद पर कार्यरत था और उसके बाद मैं अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण किया। वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता के पद की जिम्मेदारी निभा रहा हु। इस दरमियान पूरी निष्ठां से कांग्रेस पार्टी का सिपाही बनकर काम किया तथा पूरी ईमानदारी से अपना काम करते चला आ रहा हूँ। सत्ता पक्ष द्वारा षड़यंत्र रचकर मेरी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है अभी तक मेरे खिलाफ कोई भी सबूत पेश नहीं किया गया है और न ही मेरे एवं रमन यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार अफसरों से कोई पूछताछ की गई है। इन सबके के बावजूद एक चखना बेचने वाले प्रमेन्द्र मानिकपुरी की शिकायत पर आधी रात को एफआईआर दर्ज करा कर मुझे आरोपी घोषित करने में लगे हुए हैं। पहले मेरा आरोप सिद्ध कीजिये, फिर मेरे माथे पर आरोपी का ठप्पा लगाइए। शैलेश ने कहा कि इतना बड़ा आरोप पुलिस विभाग ने बिना मुझसे पूछताछ और जानकारी के बगैर एवं बिना पत्राचार किये इतना बड़ा जुर्म दर्ज कर लिया गया जैसे मैं कोई पुराना अपराधी हूॅं। मामले में प्रातीत होता है किसी राजनीतिक सत्ता के दबाव में ऐसा कृत्य मुझे परेशान करने व फंसाकर किसी नेता या मंत्री को लाभ पंहुचाने के लिये किया गया है, जिस प्रकार कोई साजिश या षड़यंत्र किया जाता है।

शैलेश ने कहा कि मेरे पास कौन सा अवैध धन प्रेमेन्द्र मानिकपुरी या कोटा पुलिस ने पाया, जिसके कारण मुझ पर यह कार्यवाही किया गया और मुझे बदनाम करने और मेरी राजनीतिक और सामाजिक छवि को खराब करने के लिये यह धारायें लगाई गई है। जबकि मैं विगत 11 माह से विश्वविद्यालय अथवा अन्य किसी संस्था का नौकर नहीं हूँ फिर ऐसी कार्यवाही थाना कोटा ने क्यों की? मेहनत कर अपने आप को खड़ा किया है मैंने। और फिर शिकायत यूनिवर्सिटी के क्षेत्राधिकार की हुई है, धारा लगाई जा रही भ्रष्टाचार की, और बात कर रहें फर्जी डिग्री की

शैलेश ने कहा कि प्रेमेन्द्र मानिकपुरी जिसकी शिकायत पर एफआईआर कोटा पुलिस ने दर्ज किया है, वह स्वयं काली कमाई करने के लिये विगत कई वर्षों से लगातार छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, जिसका पूरा प्रमाण मेरे पास है। स्टूडेंट्स कि शिकायतें मेरी पास है, मैं विश्वविद्यालय के कुलसचिव रहते वर्ष 2010 और 2011 में इसकी अपराधिक गतिविधियों की जानकारी पुलिस विभाग को दी थी। वर्ष 2010 में मैने प्रेमेन्द्र मानिकपुरी द्वारा विश्वविद्यालय के गोपनीय दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने संबंधित, विश्वविद्यालय को ब्लैकमेल करने संबंधित और फर्जी अंकसूची बनाकर छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने की गंभीर शिकायत कोटा पुलिस को किया था, दिनांक 29.04.2010, दिनांक 07.05.2010, दिनांक 16.06.2010, दिनांक 27.04.2010 एवं 18.08.2010 को मैंने विश्वविद्यालय की ओर से पुलिस विभाग को प्रेमेन्द्र मानिकपुरी के संगीन क्रियाकलापों की शिकायत किया था, लेकिन उन शिकायतों पर पुलिस ने कार्रवाई करना उचित नहीं समझा, आज तक पुलिस विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं किया गया । खुद प्रेमेन्द्र मानिकपुरी छात्र-छात्राओं से मोटी रकम वसूल कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ करता है और उनको डिग्री-डिप्लोमा देने का झांसा देकर उनको भटकाता है ।

शैलेश ने बताया कि वर्ष 2010 में प्रेमेन्द्र मानिकपुरी को एसडीएम पेंड्रारोड ने स्वयं ही छात्र-छात्राओं को नकल करवाते हुए पकड़ा था उसके द्वारा मोटी रकम वसूल कर डिग्री, डिप्लोमा देने का झांसा देने की जानकारी स्वयं छात्र-छात्राओं ने कोटा पुलिस को दी थी । प्रेमेन्द्र मानिकपुरी एक नाईसटेक कम्प्यूटर सेंटर एवं अन्य संस्थाओं के सेंटर बताकर उसके माध्यम से छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है।जिससे संबंधित दस्तावेज आज भी एसडीएम कार्यालय में उपलब्ध है। मानिकपुरी के विरूद्ध छात्र-छात्राओं ने शपथपत्र देकर शिकायतें भी की है, किंतु आज पर्यन्त तक एफआईआर दर्ज नहीं किया गया है । उन्होंने कहा कि वे चखना सेंटर चलाते है,इस कारण कोटा पुलिस प्रेमेन्द्र मानिकपुरी पर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है पुलिस का ऐसा व्यवहार समझ से परे है एवं यह अत्यंत दुखद है। पुलिस विभाग ने मुझ पर एफआईआर में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा मेरे किस अपराध के अंतर्गत लगाया है। यह धारायें एक राजनीतिक व्यक्ति के ऊपर क्यों लगाई गई है यह आश्चर्य की बात है। मेरे खिलाफ षड़यंत्र जो प्रदेश के नेता, मंत्री, किस-किस पार्टी के लोग रच रहे हैं, ऐसे गन्दी राजनीती कर रहे हैं, सभी कि जानकारी मुझे है, मैंने पार्टी को अवगत भी करा दिया है, समय आने पर, चुनाव के पहले सभी को बेनकाब किया जायेगा।

शैलेश ने बताया कि यह कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी मेरे राजनीतिक प्रवेश से घबराये भाजपाइयों ने मुझे फंसाने का प्रयास किया था। भाजपा के दस्तगीर भाभा, मनीष अग्रवाल, रौशन सिंह, महेश चंद्रिकापुरे ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि दस्तगीर भाभा को मैंने रिवर व्यू रोड में ले जाकर धमकी दी है, जबकि शिकायत में जिस तारीख और समय का उल्लेख था, उस दौरान मैं बिलासपुर में था ही नहीं मुझे शिकायत की जानकारी मिलते ही मैंने तत्कालीन एसपी मयंक श्रीवास्तव से मुलाकात कर उस दौरान मेरठ में होने की जानकारी दी, साथ ही मेरठ की फ्लाइट टिकट, होटल का बिल, टैक्सी बिल, शादी की फोटो और रिटर्न टिकट प्रमाण के रूप में दिया। जिसके बाद जूठी शिकायत करने वालों के खिलाफ तो पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। इस तरह से मुझे बार-बार फंसकर राजनीतिक, सामाजिक हत्या करने का प्रयास किया जा रहा हैं। एक-एक रुपये का हिसाब मेरे पास, जाँच तो कराइये शैलेश ने कहा कि पुलिस की एफआईआर में लिखा गया है कि मैंने भ्रष्ट और अवैध साधनों का प्रयोग अपने लिए तथा अपने हितबद्ध के लिए भ्रष्टाचार कर, भारी मात्रा में धन अर्जित कर विधि विरूद्ध तरीके से लाभ अर्जित किया गया । कृपया जनहित में बताने का कष्ट करें कि यह संगीन आरोप किस आधार पर लगाया, ताकि उसका समुचित उत्तर दे संकू। मेरे पास 21 सालों की कमाई का एक-एक रुपये का हिसाब है, इनकम टैक्स रिटर्न भी मैंने दाखिल किया है, धारा लगाने से पहले पुलिस एकबार जाँच तो करती, मैं एक-एक जाँच में सहयोग करता, लेकिन किस बात की जल्दी थी, कि पुलिस को आधी रात को एफआईआर दर्ज करना पड़ा।

इसके बाद एक थाने में नियमविरुद्ध एफआईआर होने से पूरे मामला राजनीतिक रंजिश की ओर इशारा करता है। जिला कांग्रेस के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शैलेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े नजर आए जिसमे मुख्य रूप से अटल श्रीवास्तव, विजय केशरवानी, नरेंद्र बोलर, अभय नरायन रॉय, शेख नजीरुद्दीन, शैलेन्द्र जयसवाल, अकबर खान, एसपी चतुर्वेदी, बबर मेमन, कोटा क्षेत्र के बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताएँ उपस्थित रहे।

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