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परिवार के 11 लोगों की मौत का मामला: दो बच्चों के दोस्त ने कहा- उन्हें रात में क्रिकेट खेलते देखा था

ताज़ाख़बर36गढ़:- उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी में रविवार को मृत मिले एक ही परिवार के 11 लोगों में शामिल दो नाबालिग लड़कों के एक दोस्त का कहना है कि उसने शनिवार रात उन दोनों को क्रिकेट खेलते हुए देखा था. दोनों लड़कों के मित्र जतिन ने कहा कि 15-15 साल के लड़के के नौवीं कक्षा के छात्र थे.‘ मैंने उन्हें कल रात खेलते हुए देखा था. भवनेश अंकल उन्हें देखकर खुश हो रहे थे. यह विश्वास करना मुश्किल है कि वे अब हमारे बीच नहीं हैं. वहीं एक रिश्तेदार ने इस घटना में साजिश की आशंका जताई और कहा कि वे शिक्षित लोग थे, अंधविश्वासी नहीं. इस परिवार के एक रिश्तेदार केतन नागपाल ने आरोप लगाया कि उन्हें मारा गया है. उन्होंने पुलिस की इस कहानी को खारिज किया कि हो सकता है यह एकसाथ खुदकुशी का मामला हो. उन्होंने कहा कि यह एक समृद्ध परिवार था. रिश्तेदारों ने दावा किया कि इन मौतों में कोई धार्मिक कोण नहीं है.

एक सदस्य की नवंबर में होनी थी शादी
रहस्यमयी परिस्थितियों में मृत मिले एक ही परिवार के 11 सदस्यों में से एक 33 वर्षीय प्रियंका की हाल में मंगनी हुई थी और उसकी नवंबर में शादी होने वाली थी. भाटिया परिवार के 11 सदस्यों के शव मिलने के बाद इलाके के लोग स्तब्ध हैं. शव खोजने वाले शुरुआती लोगों में शामिल एक व्यक्ति के बेटे अमरिक सिंह ने कहा कि परिवार प्रियंका की शादी की तैयारी कर रहा था और वे बहुत खुश नजर आ रहे थे. उन्होंने कहा कि इस पर भरोसा करना मुश्किल है कि ऐसा कुछ हो गया. हम 17 जून को प्रियंका की सगाई में शामिल हुये थे. शादी संभवत नवंबर में होनी थी. घर में मरंमत का काम हो रहा था. प्रियंका के रिश्ते के भाई केतन नागपाल ने बताया कि प्रियंका शनिवार रात अपनी शादी की तैयारियों के बारे में चर्चा कर रही थी. प्रियंका नोएडा की एक आईटी फर्म में नौकरी करती थी.

मौत का धार्मिक कनेक्शन
वहीं पुलिस को घर से हाथ से लिखा नोट्स में कहा गया है कि मानव शरीर अस्थायी है और अपनी आंखें और मुंह बंद करके डर से उबरा जा सकता है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह नोट संकेत देते हैं कि इन मौतों में कोई धार्मिक या आध्यात्मिक पहलू है. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जाएगी कि क्या परिवार किसी तंत्र-मंत्र में शामिल था या वे किसी तांत्रिक के अनुयायी थे. पुलिस ने बताया कि 10 सदस्यों की आंखें और मुंह कपड़ों से बंधे हुए थे और उनके शव झूल रहे थे जबकि 77 साल की एक महिला फर्श पर मृत पाई गईं और उसकी आंखों और मुंह पर पट्टी नहीं बंधी थी. बच्चों के हाथ-पांव बंधे हुए थे. मकान की तलाशी के दौरान पुलिस को हाथ से लिखे कुछ नोट मिले जिसके बारे में उनका कहना है कि परिवार किसी धार्मिक कर्मकांड का पालन करता होगा.

हत्या का केस 
संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आलोक कुमार ने बताया कि हमें हाथ से लिखे नोट मिले हैं जिनमें विस्तार से बताया गया है कि हाथ और पांव किस तरह बांधे जाएं और लगभग उसी तरह से 10 लोगों के शव बरामद किए गए. काफी लंबे नोट हैं और हम उनका अध्ययन कर रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में हत्या का केस दर्ज किया है लेकिन पुलिस को यह भी संदेह है कि यह आपसी सहमति से खुदकुशी करने का मामला भी हो सकता है. इस बीच, मृतकों के पड़ोसियों ने बताया कि वे काफी मददगार स्वभाव वाले थे.

क्या कहना है पड़ोसियों का
अमरीक सिंह नाम के एक पड़ोसी ने बताया कि परिवार द्वारा चलाई जाने वाली किराने की दुकान हर रोज सुबह छह बजे खुल जाती थी और तभी बंद होती थी जब गली में रहने वाले सारे लोग सोने चले जाते थे. आज जब सुबह सात बजे तक दुकान नहीं खुली तो सभी को हैरत हुई. अमरीक के पिता गुरचरण सिंह ने कहा, ‘ दूध वाला दुकान के बाहर आया था. कुछ पड़ोसी वहां इकट्ठा हुए थे क्योंकि वैन का ड्राइवर बार- बार हॉर्न बजा रहा था. मैंने मेन गेट खोला और सीढ़ियों पर चढ़कर ऊपर गया तो मैंने जो कुछ देखा उससे स्तब्ध रह गया.

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